बीते कुछ समय से भोजपुरी सिनेमा के दिग्गज कलाकारखेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) इन दिनों बहुत ही परेशान हैं. उनकी खबरें सोशल मीडिया (Social Media) पर लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं. दरअसल, खेसारी लाल यादव के परिवार को किसी शख्स ने धमकी (Threat) दी थी जिससे वो बेहद डरे हुए हैं. और उन्होंने ट्विटर पर अपने डर को जाहिर भी किया है. लोगों का साथ देने के लिए धन्यवाद दिया है और ये भी कहा है कि इस तरह का घिनौना काम करने वाला वो इंसान जल्द ही सलाखों के पीछे होगा.
खेसारी लाल यादव हैं मानसिक तौर पर अशांत
खेसारी लाल यादव ने अपने ऑफिशियल ट्विटर पेज पर इस लड़ाई के बारे में बताते हुए लिखा कि, ‘पिछले कुछ दिनों से मन अशांत है और मैं परेशान हूं ये देखकर कि कोई इंसान कैसे किसी के बीवी-बच्चों को ऐसे धमकी दे सकता है. इस पूरी लड़ाई में आपका भरपूर साथ मिला जिससे मुझे आगे बढ़ने की हिम्मत मिली. उम्मीद है वो घिनौना इंसान जल्द सलाखों के पीछे होगा. भगवान उसके परिवार को खुश रखे.’
पिछले कुछ दिनों से मन अशांत है और मैं परेशान हूँ ये देख के की कोई इंसान कैसे किसी के बीवी-बच्चों को ऐसे धमकी दे सकता है।
इस पूरी लड़ाई में आपका भरपूर साथ मिला जिससे मुझे आगे बढ़ने की हिम्मत मिली। उम्मीद है वो घिनौना इंसान जल्द सलाख़ों के पीछे होगा।
भगवान उसके परिवार को ख़ुश रखे।
— Khesari Lal Yadav (खेसारी) (@khesariLY) May 6, 2022
हाल ही में रवि किशन ने एक इंटरव्यू के दौरान कुछ बातें कही हैं. रवि किशन ने दोनों स्टार्स को नसीहत देते हुए ये कहा है कि भोजपुरी इंडस्ट्री के उत्थान पर ध्यान दें. वर्ना आपसी लड़ाई कहीं इस इंडस्ट्री का नाश न कर दे. Aajtak.in से बीतचीत में ये बातें रवि किशन ने कहीं. उन्होंने कहा कि, ‘भोजपुरी का बहुत बड़ा इतिहास रहा है. मैंने खुद भोजपुरी में कुछ साढ़े चार सौ फिल्में की हैं. अब ये जो विवाद देख रहा हूं, ये बहुत ही दुखद है. पूरी भोजपुरी इंडस्ट्री के लिए पीड़ादायक है. भोजपुरी सिनेमा में करीब एक लाख से ज्यादा लोगों का रोजगार चलता है. ये लोग भोजपुरी की वजह से सरवाइव कर रहे हैं. ऐसे में मैं आप दोनों जूनियर कलाकार पवन सिंह, खेसारी लाल यादव, इनफैक्ट सरकार से भी विनती करूंगा कि आप लोग इस पर सेंसर बोर्ड ले आएं. यूपी की सरकार इस पर पहल कर रही है. यहां जल्द ही सेंसर बोर्ड आ जाएगा.’
रवि किशन ने लड़ाई को खत्म करने की अपील की
उन्होंने आगे कहा कि, ‘इस आपसी लड़ाई से जग हंसाई हो रही है. बाहर लोग इसका माखौल उड़ा रहे हैं. लोग तंज कस रहे हैं कि एक ही इंडस्ट्री के होने के बावजूद आपस में इतना विवाद क्यों हो रहा है. जातिवाद का मामला कैसे आ गया. यहां लोग अगर जात-पात की लड़ाई से उपर उठते हैं तो ये लोग तेलुगू, तमिल की तरह बड़ी इंडस्ट्री की दिशा में जा सकते हैं. अगर जातिवाद जैसे पचड़े में हम फंसेंगे तो इस इंडस्ट्री का सर्वनाश होना तय है. जब नाश हो जाएगा तब ये पछताएंगे कि सब कुछ था लेकिन हमने अब उसे बर्बाद कर दिया है.’
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