लखनऊ
एसीजेएम तृतीय (एमपी एमएलए कोर्ट) ने प्रार्थी दीपक कुमार स्वर्णकार द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र को प्रकीर्णवाद के रूप में लेते हुए सम्बंधित थाना पीजीआई को आगामी 2 मई तक आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दे दिया है। गौरतलब है कि प्रार्थी दीपक कुमार स्वर्णकार ने बदायूँ से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य, उनके पिता पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सहित अन्य चार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं।
बता दें कि दीपक कुमार स्वर्णकार नवम्बर 2021 में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सांसद संघमित्रा मौर्य और उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य पर दो बार अपने हत्या के प्रयास का आरोप लगाते हुए रिट दाखिल कर चुके हैं। साथ ही सांसद संघमित्रा मौर्य ने अपनी पहली शादी और उस शादी के तलाक की बात छुपाकर जनवरी 2019 में बौद्ध रीति-रिवाज से दीपक कुमार स्वर्णकार से विवाह कर चुकी हैं। जबकि संघमित्रा मौर्य की पहली शादी का तलाक वर्ष जनवरी 2021 में हुआ।
आरोप यह भी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग के शपथ पत्र में भी संघमित्रा मौर्य ने अपने आपको अविवाहित बताया है। जिसमें माननीय चुनाव आयोग सहित माननीय भारतीय संसद और बदायूँ की सम्मानित जनता को भी झूठ बोलकर गुमराह किया गया है।
प्रार्थना पत्र दाखिल करते समय प्रार्थी दीपक कुमार स्वर्णकार के वकील हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रोहित कुमार त्रिपाठी और एडवोकेट राजेश कुमार तिवारी ने तर्कसंगत रूप से अपना पक्ष रखा। जिसके दृष्टिगत माननीय न्यायाधीश ने प्रकीर्णवाद दर्ज कर और सम्बंधित थाने को दो मई तक आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।