मथुरा में राधारानी विवाद के कारण वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज और सीहोर के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा बार-बार चर्चा का विषय बने हुए हैं। कुछ दिन पहले खबर आई थी कि मध्य प्रदेश के कद्दावर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इन दोनों के बीच सुलह करवा दी है। उन्होंने दावा किया था कि वे फोन पर दोनों के बीच बातचीत करवाई थी।
लेकिन अब प्रेमानंद महाराज के प्रतिनिधियों ने वीडियो जारी कर बताया है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। उनका कहना है कि उनके पास सुलह के लिए किसी का फोन नहीं आया था और सोशल मीडिया पर इस विषय में फैल रही गलत खबरें हैं।
प्रेमानंद महाराज के शिष्य और उनके आश्रम श्रीहित राधा केली कुंज के प्रतिनिधि नवल नागरी शरण महाराज और महामाधुरी शरण महाराज ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रेमानंद महाराज अपने पास कोई फोन नहीं रखते हैं और उनसे सीधे फोन पर बातचीत नहीं की जा सकती। अगर कोई उनसे संपर्क करना चाहता है, तो वह उनके शिष्यों के माध्यम से ही संपर्क कर सकता है।
वीडियो में इन दोनों शिष्यों ने प्रेमानंद महाराज के अनुयायियों से अपील की है कि वे सुलह की खबरों पर ध्यान न दें और किसी भी फोन कॉल को उनके आश्रम के माध्यम से सत्यापित करें।
प्रदीप मिश्रा के एक पुराने वीडियो के वायरल होने से एक विवाद उभरा था। एक कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा ने बताया था कि राधा जी बरसाने में नहीं रहती थीं, बरसाना उनके पिता ब्रसभानु की कचहरी थी जहां वह साल में एक बार जाती थीं। उन्होंने यह भी कहा कि राधा रानी का विवाह किसी अन्य व्यक्ति के साथ हुआ था। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने इसे लेकर आपत्ति जताईं। उन्होंने कहा कि प्रदीप मिश्रा को नरक जाने से कोई नहीं बचा सकता है और प्रदीप को शर्म आनी चाहिए, राधा रानी के यश को खाकर ऐसी बातें करने की।
प्रदीप मिश्रा के खिलाफ उज्जैन से लेकर मथुरा के संतों में काफी विरोध उभरा है। मथुरा के संतों ने एक महापंचायत बुलाई थी, जिसमें प्रदीप मिश्रा को अल्टीमेटम दिया गया कि वे अगर बरसाना जाकर माफी नहीं मांगते, तो ब्रज के संत उन्हें घुसने नहीं देंगे। उज्जैन के संतों का कहना है कि पंडित प्रदीप मिश्रा अगर मथुरा जाकर प्रेमानंद महाराज से नाक रगड़कर माफी नहीं मांगते, तो वे कोर्ट जा सकते हैं और उनके उज्जैन आने पर उनके खिलाफ प्रतिबंध भी लगा सकते हैं।