प्रयागराज: केंद्र सरकार ने प्रयागराज में एम्स की स्थापना की मांग पर दाखिल जनहित याचिका पर अपना हलफनामा दाखिल किया है। इसमें केंद्र ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2025-26 में प्रयागराज में एम्स बनाने की कोई योजना नहीं है। इस मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने पूरक हलफनामा दाखिल करते हुए कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने वाराणसी में एम्स की तर्ज पर एक नया एम्स बनाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के बीच 21 नवंबर 2024 को एक समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।केंद्र सरकार ने वाराणसी में नए एम्स की स्थापना की योजना बनाई है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने सहज सारथी फाउंडेशन और अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि अगर वाराणसी में एम्स स्थापित किया जा सकता है, तो उसी आधार पर प्रयागराज में भी एम्स की स्थापना की जा सकती है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बीएचयू में एम्स की सुविधाएं और बजट दिया जा रहा है। इसके बाद कोर्ट ने इस विषय पर जानकारी प्राप्त करने के लिए अपर सॉलिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह से समय मांगा कि क्या वाराणसी की तरह प्रयागराज में भी एम्स स्थापित किया जा सकता है।कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 10 जनवरी 2025 तय की है, जब केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जाएगी।