शुक्रवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व योग को एक शक्तिशाली और ग्लोबल उपकरण के रूप में देखना चाहिए, जो मानवता के भले के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने बताया कि योग हमें वर्तमान क्षण में जीने में मदद करता है, अतीत के बोझ को ढोए बिना। प्रधानमंत्री ने योग की शक्ति को महसूस करने के लिए लोगों को प्रेरित किया और कहा कि योग समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि योग करने वालों की संख्या रोज़ाना बढ़ती जा रही है और यह अब उनके दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा, ‘योग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जहाँ भी मैं जाता हूँ, वहां योग की बात छूटती नहीं है, शायद ही कोई ऐसा (अंतरराष्ट्रीय) नेता हो जो इसके बारे में बात न करे।’
पीएम ने तुर्कमेनिस्तान, सऊदी अरब, मंगोलिया और जर्मनी के उदाहरण दिए और कहा, “कई देशों में योग लोगों के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। ध्यान का यह प्राचीन अभ्यास वहाँ बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 101 वर्षीय फ्रांसीसी महिला चार्लोट चोपिन के भी जीवन पर चर्चा की, जिन्हें उनके देश में योग को प्रसिद्ध करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
प्रधानमंत्री ने योग के वैश्विक प्रसार के बारे में बताया कि इससे लोगों की योग के प्रति जागरूकता बढ़ी है और अब वे भारत यात्रा कर रहे हैं ताकि वे प्रमाणिक जानकारी प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा, “हम अब उत्तराखंड और केरल जैसे राज्यों में योग पर्यटन के विकास को देख रहे हैं, जहां लोग योग का आनंद लेने आ रहे हैं।”