पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज (Pokhran Field Firing Range) में 155 मिमी/52 कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया. डीआरडीओ (DRDO) ने इसकी जानकारी दी. डीआरडीओ के मुताबिक, ये परीक्षण 26 अप्रैल से 2 मई 2022 के बीच किया गया. एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई एक आधुनिक तोप है. इस तोप को भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है. अब तक इसके छह से सात परीक्षण हो चुके हैं. इसे सबसे पहले 26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस परेड पर लोगों के सामने प्रदर्शित किया गया था. इस सफल परीक्षण से सेना की भविष्य की युनौतियों से निपटा जा सकेगा और सेना की मारक क्षमता और मजबूत होगी.
Trials of 155 mm/52 Cal Advanced Towed Artillery Gun System (ATAGS) were successfully conducted at Pokhran Field Firing Range (PFFR) between 26 April to 2 May 2022: DRDO pic.twitter.com/4XADNqJzKX
— ANI (@ANI) May 2, 2022
बता दें कि इसका पहला परीक्षण 2016 में हुआ था. अगर इसकी खासियत की बात करें तो इसका वजन 18 टन है. यह सबसे लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम स्वदेशी तोप है. इसकी नली यानी बैरल की लंबाई 8060 मिलिमीटर है. यह माइनस 3 डिग्री से लेकर प्लस 75 डिग्री तक एलिवेशन ले सकता है. इसकी फायरिंग रेंज 48 किलोमीटर है. एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम को विकसित करने में करीब चार साल लगे हैं. बता दें कि भारतीय सेना के पास 155 mm की यह गन फिलहाल सात हैं.
टैंक विध्वंसक ‘हेलिना’ मिसाइल का दूसरा सफल परीक्षण
पिछले महीने की 12 तारीख को टैंक विध्वंसक ‘हेलिना’ मिसाइल का हेलीकॉप्टर के जरिए दूसरा सफल परीक्षण किया गया था. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘हेलिना’ का पहला सफल परीक्षण एक दिन पहले किया गया था. दोनों परीक्षण उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के जरिए से किए गए. बयान में कहा गया, ‘आज का परीक्षण विभिन्न परिधि और ऊंचाई से किया गया. योजना के अनुसार, मिसाइल ने टैंक प्रतिकृति लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा.’ परीक्षण के दौरान सेना के वरिष्ठ कमांडर और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक मौजूद थे.
मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण के साथ ही इमेजिंग इन्फ्रा-रेड कौशल प्रणाली सहित मिसाइल की पूरी प्रणाली का प्रदर्शन सफल रहा है जिससे हेलिना को सशस्त्र बलों में शामिल करने में मदद मिलेगी. हेलिना हर मौसम में दिन या रात कभी भी निशाना साधकर लक्ष्य नष्ट करने में सक्षम है और यह पारंपरिक बख्तरबंद प्रणालियों तथा युद्धक टैंकों को तबाह कर सकती है.
Air Missile System का सफल परीक्षण
इससे पहले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा में बालासोर के तट पर मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली 2 मिसाइल प्रणाली (Air Missile System) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि यह परीक्षण तेज गति से आने वाले हवाई लक्ष्यों के खिलाफ लाइव फायरिंग परीक्षण के तहत किया गया. उन्होंने बताया कि मिसाइल ने लक्ष्यों को रोका और उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया और दोनों ही रेंज में लक्ष्य को सीधे भेदने की क्षमता का प्रदर्शन किया.