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पेट्रोल-डीजल पर PM मोदी के बयान के बाद चढ़ा सियासी पारा, राहुल गांधी से लेकर ममता बनर्जी तक सरकार पर हमलावर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को देश में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की स्थिति पर सभी मुख्यमंत्रियों से बातचीत की थी. इस दौरान उन्होंने गैर बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों से पेट्रोल डीजल (Petrol Diesel Rate) पर वैट कम करके जनता को राहत देने का आग्रह किया था. उनके इस आग्रह के बाद से ही विपक्षी दल केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इस बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी महाराष्ट्र और राजस्थान की सरकारों पर निशाना साधा है तो राहुल गांधी (Rahul Gandhi), ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेताओं ने पलटवार किया है.

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अगर विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य की सरकारें इंपोर्टेड शराब के बजाय ईंधन पर लगने वाले टैक्स में कटौती कर दें तो पेट्रोल सस्ता हो सकता है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एक लीटर पेट्रोल पर 32.15 रुपये टैक्स राज्य सरकार की ओर से है. कांग्रेस शासित राजस्थान में एक लीटर पेट्रोल पर राज्य सरकार का 29.10 रुपये टैक्स है. लेकिन बीजेपी शासित उत्तराखंड में एक लीटर पेट्रोल पर राज्य सरकार का 14.51 रुपये टैक्स है. वहीं उत्तर प्रदेश में भी एक लीटर पेट्रोल पर 16.50 रुपये टैक्स है.

Maharashtra Govt has collected Rs 79,412 cr as fuel taxes since 2018 is expected to collect Rs 33,000 cr this year. (Adding up to Rs 1,12,757 cr). Why did it not reduce VAT on petrol diesel to provide relief to people?: Union Min for Petroleum Natural Gas Hardeep Singh Puri pic.twitter.com/Cjha2t7JYN

— ANI (@ANI) April 28, 2022

उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने 2018 से अब तक 79412 करोड़ रुपये बतौर ईंधन पर टैक्स के रूप में जुटाए हैं. इस साल उसे 33 हजार करोड़ मिलने की संभावना है. पुरी ने सवाल किया कि क्या जनता को राहत देने के लिए ये पेट्रोल और डीजल पर वैट कम नहीं कर रहे?

पीएम ने मुख्यमंत्रियों को ताना मारा: संजय राउत

शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने इस मामले पर कहा है कि मुख्यमंत्रियों से कहा गया था कि प्रधानमंत्री कोविड 19 के हालात पर बैठक करेंगे. लेकिन पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों को गैर बीजेपी शासित राज्यों में पेट्रोल और डीजल को लेकर ताना मारा. यह सही नहीं है. पीएम से ये उम्मीद नहीं थी लेकिन सीएम उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी इस पर जवाब दे रहे हैं.

Mumbai | The CMs were told that PM Modi would hold a meeting on Covid. PM Modi taunted the CMs of non-BJP states regarding petrol diesel, it’s not right. PM Modi was not expected to do so but CM Uddhav Thackeray Mamata Banerjee have given the answer: Shiv Sena’s Sanjay Raut pic.twitter.com/a0XutIvnQy

— ANI (@ANI) April 28, 2022

राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने भी साधा निशाना

पेट्रोल डीजल पर वैट घटाने को लेकर उपजी चर्चा पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ईंधन की अधिक कीमतों पर राज्यों को दोष, कोयले की कमी पर राज्यों को दोष, ऑक्सीजन की कमी पर राज्यों को दोष. ईंधर के 68 फीसदी टैक्स तो केंद्र सरकार लेती है. फिर भी प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदारी से बचते हैं.

High Fuel prices – blame states
Coal shortage – blame states
Oxygen shortage – blame states

68% of all fuel taxes are taken by the centre. Yet, the PM abdicates responsibility.

Modis Federalism is not cooperative. Its coercive.

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 28, 2022

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी सरकार पेट्रोल डीजल की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए 3 साल में 1500 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. हमारी सरकार का केंद्र सरकार पर 97807 करोड़ रुपये बकाये हैं. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार उन्हें बकाये का आधा भुगतान भी कर देती है तो वह टैक्स कम कर देंगी.

It is our promise that if the Central Government clears our dues, Government of West Bengal will exempt all taxes from Petrol Diesel for the next 5 years!

₹97,807.91 Cr is due. @narendramodi ji, let’s see if you can deliver.

— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) April 27, 2022

तमिलनाडु के मंत्री ने समझाया पूरा गणित

वहीं तमिलनाडु के मंत्री ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स को लेकर केंद्र सरकार पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार की ओर से वैट घटाने से पहले ही तमिलनाडु सरकार ने पेट्रोल पर अगस्त 2021 में वैट घटाया था. इससे राज्य की जनता को प्रति लीटर 3 रुपये की राहत मिली थी. उनका कहना है कि आकलन है कि इस कटौती से हर साल राज्य सरकार को करीब 1160 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. लेकिन यह जनता को राहत देने के लिए किया गया था.

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