फसल पैटर्न में बदलाव करके किसानों ने उत्पादन बढ़ाने की कोशिश की और यह सफल भी रहा. इस साल महाराष्ट्र में चने का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है. इसके बावजूद किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी नहीं हुई. क्योंकि उन्हें अच्छा भाव नहीं मिल रहा है. सोयाबीन, अरहर और चने की कीमतों (Gram Price) में पिछले आठ दिनों से गिरावट लगातार जारी है. जहां अधिक आवक होने पर प्रसंस्करण उद्योग में शामिल लोगों ने चने का स्टॉक कर लिया, वहीं अब चने की कीमत घटकर कई जगहों पर सिर्फ 4100 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है. जबकि इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5230 रुपये प्रति क्विंटल है. बीड जिले में आने वाली वाडवानी मंडी में तो एमएसपी से 1830 रुपये प्रति क्विंटल कम दाम पर किसान चना बेचने के लिए मजबूर हैं.
ऐसे में अब किसानों के पास सरकार द्वारा तय खरीदी केंद्र पर बेचने के अलावा कोई चारा नहीं है. गारंटी केंद्र और खुले बाजार के दाम में कहीं 1,130 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर है तो कहीं 1800 रुपये का. पहले किसान ख़रीदी केंद्र के उलझन वाले नियमों के चलते खुले बाजार में उपज बेचना पसंद कर रहे थे. सरकार द्वारा तय खरीदी केंद्रों पर फसल बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. जिसमें लैंड रिकॉर्ड आदि देने की बाध्यता है.
आवक में हुई वृद्धि
महाराष्ट्र के बाजारों में चने की आवक बढ़ी है. क्योंकि इसका अभी सीजन चल रहा है. बाजार के जानकारों का कहना है कि दाम कम होने की एक वजह ये भी है. रबी सीजन के अंतिम चरण में सोयाबीन (Soybean) का भाव भी जमीन पर है. इसका भी किसान भंडारण करने पर जोर दे रहे हैं. किसान कीमत का अंदाजा लगाकर उपज ला रहे हैं. लेकिन जिनके पास पैसे की कमी है वो लोग मजबूरी में एमएसपी से सस्ते दाम पर बेचने के लिए मजबूर हैं. अब कीमत की तस्वीर बदल गई है सोयाबीन की कीमतों में पिछले डेढ़ महीने से गिरावट जारी है. अब कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीदें धूमिल होती जा रही है.
किस मंडी में कितना है दाम
बीड जिले में आने वाली माजलगाव गांव मंडी में 4 मई को चने का मॉडल प्राइस 4200 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
हिंगोली मार्केट में 4188 रुपये प्रति क्विंटल का मॉडल प्राइस रहा.
बीड जिले की परली वैजनाथ मंडी में 4 मई को मॉडल प्राइस 4150 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
बीड जिले में आने वाली वाडवानी मंडी में तो चने का मॉडल प्राइस सिर्फ 3400 रुपये क्विंटल रहा.
खरीदी केंद्र और खुले बाजार के दाम में भारी अंतर
जहां इस समय कपास, सरसों और गेहूं (Wheat) का रेट कई खुले बाजारों में एमएसपी से अधिक चल रहा है वहीं चने का भाव काफी नीचे है. नाफेड के माध्यम से प्रदेश में चने की खरीद शुरू हो गई है. फिर भी किसानों को फायदा नहीं हो रहा है. महाराष्ट्र चने का अच्छा उत्पादक है. सीजन की शुरुआत से ही ख़रीदी केंद्र पर खुले बाजार के मुकाबले रेट ज्यादा है.इसके बावजूद किसानों ने खुले बाजार में चना बेचने पर जोर दिया था. लेकिन पहले कीमत में सिर्फ 300 रुपये का अंतर था, लेकिन अब यह अंतर 1100 रुपये से अधिक पहुंच गया है.
लातूर मंडी में कितना है भाव
लातूर में सोयाबीन, चना और तुअर की आवक शुरू है. सीजन के आखिरी चरण में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट जारी है. लातूर बाजार में चना 4100 रुपये प्रति क्विंटल है. तुअर की कीमत में भी गिरावट शुरू हो गई है. तुअर की गारंटीकृत कीमत 6,300 रुपये है जबकि खुले बाजार की दर 6,100 रुपये है व्यापारी अशोक अग्रवाल ने कहा कि कुल मिलाकर सभी कृषि चीज़ो के दाम गिरने लगे हैं और किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार का अध्ययन कर ही उपज बेचें. हो सके तो भंडारण करें.