शनिवार को नोएडा के परी चौक पर 60 से अधिक किसान और महिलाएं दिल्ली कूच करने के दौरान गिरफ्तार कर ली गईं। ये किसान और महिलाएं अपने 10 फीसदी भूखंड और अन्य संबंधित मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। उनके आंदोलन में किसानों का जत्था नारेबाजी करते हुए परी चौक पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया और गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए सभी किसानों और महिलाओं को लुकसर जेल भेज दिया गया।गिरफ्तारी से पहले, तुगलपुर गांव से करीब 30 किसान और महिलाएं अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए परी चौक पहुंचे थे। वहां पहले से तैनात पुलिस बल ने उन्हें घेर लिया और आंदोलनकारियों को रोकने की कोशिश की। इन किसानों की मुख्य मांगें थीं, जिसमें 10 फीसदी भूखंड की योजना पर चर्चा, भूमि अधिग्रहण, और अन्य विभिन्न मुद्दों को लेकर आंदोलन था। किसानों ने दिल्ली कूच करने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ उनकी कोशिशों को विफल कर दिया।परी चौक पर भारी पुलिस बल की तैनाती थी, जिसमें पीएसी, आरपीएफ और महिला पुलिस जवान भी शामिल थे। अधिकारियों ने शनिवार को दिल्ली कूच की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी थी। किसान संगठन ने इस गिरफ्तारी को अपना अधिकार छिनने के रूप में देखा और इसके खिलाफ कई मुद्दों पर जेल भरो आंदोलन भी शुरू किया। इस आंदोलन में किसानों की मांग थी कि उन्हें रिहा किया जाए और उनकी अन्य समस्याओं का समाधान किया जाए।गिरफ्तारी के बाद किसान नेताओं ने सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई और कहा कि यह कार्रवाई किसानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। किसान नेताओं ने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।समर्थकों और नेताओं ने यह साफ कर दिया कि किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने से पीछे नहीं हटेंगे। जेल भरो आंदोलन के तहत किसानों ने अपनी आवाज़ सरकार तक पहुंचाने का संकल्प लिया है और यह प्रदर्शित किया है कि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।