दिल्ली शराब घोटाला मामले में, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। इस सुनवाई में विशेष न्यायाधीश विंदु की अदालत में ED के पक्ष से ASG एस वी राजू और केजरीवाल के पक्ष से उनके वकील विक्रम चौधरी मौजूद हैं। विक्रम चौधरी ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में केजरीवाल को निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल करने की छूट दी थी।
केजरीवाल के वकील ने कहा कि उनका मुख्यमंत्री पद और एक राष्ट्रीय पार्टी के मुखिया होने के नाते उन्हें समाज को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने इस मामले में शामिल होने के संदिग्धित अगस्त 2022 से जारी है, और उन्हें 2024 में गिरफ्तार कर दिया गया था।
केजरीवाल के वकील ने कहा – “ईडी ने मुझे अगला समन तीन महीने बाद भेजा है। मैं किसी विशेष दर्जे का दावा नहीं कर रहा हूं, लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि एक संवैधानिक पदाधिकारी को बुलाया जा रहा है। अगर आप मेरा सम्मान नहीं कर रहे हैं तो कोई बात नहीं, पर कम से कम पद का सम्मान तो करना चाहिए। जब कोई मुख्यमंत्री लिखता है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से बुलाया जा रहा है और इससे मेरे आधिकारिक कर्तव्य प्रभावित होते हैं…”
“16 मार्च 2024 को, जब देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई, उसी दिन मुझे समन जारी किया गया। मैंने इस समन को चुनौती देते हुए 19 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मेरी अर्जी को हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा जाता है। 21 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई होती है। दिल्ली हाईकोर्ट ने किसी भी अंतरिम राहत देने से इनकार किया। लेकिन उसी दिन शाम 5 बजे के आसपास, सूर्यास्त के बाद ईडी सीएम आवास जाती हैं और गिरफ्तार कर लेती हैं।”
“केजरीवाल के वकील ने कहा कि पूरा केस सिर्फ उन गवाहों के बयान पर आधारित है जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था और उन्हें ज़मानत का वादा किया गया था, उन्हें माफ किया गया है, वे कोई संत नहीं हैं। इन लोगों ने लालच दिया है, इन लोगों की विश्वसनीयता पर भी सवाल है।”
“अगस्त 2023 में आखरी बार बयान दर्ज किया गया था, एजेंसी ने रिकॉर्ड पर कहा है कि केजरीवाल आरोपी नहीं है और मुझे मेरी व्यक्तिगत क्षमता में बुलाया जा रहा है। जब उन्होंने मुझे गिरफ्तार किया, तो उन्होंने सीएम और आपके संयोजक के रूप में मेरी भूमिका का उल्लेख किया।”
“यह पूरा मामला अगस्त 2022 में शुरू हुआ और केजरीवाल की गिरफ्तारी चुनाव से पहले मार्च 2024 में हुई, जब उन्होंने केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए चुनाव की घोषणा होने का इंतजार किया। केजरीवाल की गिरफ़्तारी के समय के पीछे भी एक दुर्भावना है।”
“केजरीवाल के वकील ने कहा कि ईडी जो भी आरोप लगा रही है, ऐसा लगता है कि वे मुझ पर पीएमएलए के तहत नहीं बल्कि सीबीआई के मामले में मुकदमा चला रहे हैं। ईडी मेरे कन्डक्ट पर आरोप लगा रही है, अगर मेरा कन्डक्ट खराब है तो इसकी जांच सीबीआई करेगी। ईडी केवल मनी लॉन्ड्रिंग में मेरी भूमिका की जांच कर सकता है।”
केजरीवाल के वकीलों ने ईडी के द्वारा प्रस्तुत गवाहों के बयानों पर सवाल उठाया है, जिनमें वे कहते हैं कि गवाहों की बयानी सत्यता संदिग्ध है और उनके दिए गए बयानों में भौतिक पुष्टि का अभाव है।
केजरीवाल के वकीलों ने यह भी दावा किया कि बयान ईडी द्वारा उनके खिलाफ उठाए गए थे, लेकिन उन्हें जमानत भी मिल गई थी। वे इसे एक व्यक्तिगत संदिग्ध का बताव करते हैं जिसे वे स्वीकार नहीं करते।
मगुंटा रेड्डी, जिन्होंने अपने बयानों में सरकारी नीतियों की मजबूती का समर्थन किया था, ने भी बाद में उनके खिलाफ बयान दिया, जिसके बाद उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी।
सरथ रेड्डी की कंपनी ने 50 करोड़ के चुनावी बांड का वितरण किया, लेकिन इसके बारे में कोई सबूत नहीं है कि यह पैसा कहाँ से आया था।
केजरीवाल के वकीलों ने ईडी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनका यह धाराप्रवाही नहीं है और सीबीआई के मामले के तहत जांच होनी चाहिए। वकीलों ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है और आगामी दिनांक की निर्धारण की है।