तेलंगाना के वारंगल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekhar Rao) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘आज तेलंगाना में कहा जाता है कि मुख्यमंत्री है लेकिन ये मुख्यमंत्री नहीं बल्कि ये राजा है. राजा और मुख्यमंत्री में क्या फर्क होता है. मुख्यमंत्री (Telangana CM) जनता की आवाज को सुनता है और राजा जनता की आवाज नहीं सुनता बल्कि वो जो करना चाहता है वो करता है. आपके सीएम किसानों की आवाज नहीं सुनते हैं. तेलंगाना का किसान कह रहा है कि उनको मिर्ची और धान के लिए सही दाम चाहिए और कर्ज माफ होना चाहिए.’
राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘कांग्रेस की जैसी ही यहां सरकार बनेगी वैसी ही किसानों का 2 लाख का कर्ज माफ होगा और सही MSP मिलेगी. आज यहां पर किसानों की विधवा रो रही हैं, ये किसकी जिम्मेदारी है? और ये अकेली नहीं है, ऐसी तेलंगाना में हजारों बहने हैं, जिनके पति ने आत्महत्या की. ये किसकी जिम्मेदारी है?’ उन्होंने आगे कहा, ‘चुनाव में कांग्रेस पार्टी का टिकट योग्यता के आधार पर दिया जाएगा. चाहे आप कितने भी शक्तिशाली क्यों ना हों या आप कितने भी बड़े क्यों ना हों. अगर आप गरीब, किसानों के साथ नहीं हैं, तो आपको कांग्रेस का टिकट नहीं मिलेगा.’
मुख्यमंत्री पैसा चुरा सकते हैं- राहुल
राहुल गांधी ने कहा, ‘बीजेपी जानती है कि कांग्रेस उनके साथ कभी समझौता नहीं करेगी, इसलिए वह तेलंगाना में टीआरएस की सरकार चाहती है. इसका नतीजा ये है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री जितना चाहे उतना पैसा चुरा सकते हैं और बीजेपी की सरकार (केंद्र सरकार) उनके पीछे ईडी नहीं भेजेगी.’ बता दें इस समय राहुल गांधी तेलंगाना के दौरे पर हैं. दो दिन पहले ही खबर आई थी कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने उनके उस्मानिया यूनिवर्सिटी के दौरे पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि राहुल ने कभी तेलंगाना के पक्ष में बात नहीं की, तो फिर वह वारंगल और उस्मानिया विश्वविद्यालय क्यों जा रहे हैं.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया
राहुल गांधी को इस विश्वविद्यालय ने अपने परिसर में हाल ही में कार्यक्रम को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस फैसले और इसके सिलसिले में उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया था. इस बीच कविता ने कहा, ‘हमने एक बार उनसे धान की फसल के मुद्दे को संसद में उठाने और तेलंगाना के किसानों का समर्थन करने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. अब वह वारंगल में कुछ योजना बना रहे हैं. वो यहां केवल राजनीति करने आ रहे हैं.’