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ट्रेन-हाईवे सब बंद! BPSC परीक्षा को लेकर पप्पू यादव के समर्थकों का प्रदर्शन शुरू, कई ट्रेनों को रोका

सांसद पप्पू यादव के समर्थकों ने बिहार में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस दौरान कई जगहों पर ट्रेनों को रोक दिया गया है।

by Kajal Tiwari

पटना: बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पप्पू यादव के समर्थकों प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान बिहार में कई जगहों पर ट्रेनों को रोक दिया गया है। वहीं प्रदर्शनकारी लगातार बीपीएससी की परीक्षा दोबारा कराने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पटना के गांधी मैदान में जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर धरने पर बैठे हुए हैं। गांधी मैदान में छात्रों का धरना लगातार 17वें दिन भी जारी है। वहीं छात्रों के समर्थन में आज पप्पू यादव ने भी प्रदर्शन का ऐलान किया था, जिसके बाद सांसद पप्पू यादव के समर्थकों ने जगह-जगह चक्का जाम किया है और ट्रेनों को भी रोका है।

सड़कों पर भी उतरे प्रदर्शनकारी

पप्पू यादव ने कहा, “बिहार और पूरा देश छात्रों को लेकर बहुत चिंतित है। यह लड़ाई सिर्फ BPSC की नहीं है। यह 13 करोड़ लोगों के बच्चों के भविष्य की लड़ाई है। राजनेता, कोचिंग माफिया और अधिकारियों ने मिलकर उनके जीवन को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। 1988- 89 से आज तक पेपर लीक का मामला चल रहा है, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि हमें नए गवर्नर से भी मिलना होगा।” प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, “बिहार सरकार ने 4 लाख छात्रों के भविष्य को दांव पर लगाकर हमें सड़कों पर आने के लिए मजबूर किया। बीपीएससी के छात्र 16 दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार अभी भी बेफिक्र है।”

अनशन जारी रखेंगे प्रशांत किशोर

वहीं जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, “हम अपना काम कर रहे हैं सरकार को अपना काम करने दीजिए। अनशन जारी रहेगा। मेरे पास कोई उठाने नहीं आया है जब उठाने आएगा तो देखा जाएगा। मैं पिछले ढाई साल से बिहार में काम कर रहा हूं, अगर मैं राजनीति नहीं करूंगा तो क्या करूंगा? अगर आप किसी को पीटते हैं और मैं उनके समर्थन में यहां बैठा हूं – और फिर आप इसे राजनीति कहते हैं, तो मैं राजनीति कर रहा हूं। नीतीश कुमार काम नहीं करना चाहते हैं, वे केवल सत्ता में रहना चाहते हैं और यही कारण है कि उन्होंने कोविड के समय में बिहार के लोगों की मदद नहीं की। उन्हें बाकी चीजों की चिंता नहीं है, बल्कि उन्हें केवल सत्ता में रहने की चिंता है।”