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जारी रहेगा ब्याज दरों में बढ़त का सिलसिला, 2022-23 में रेपो रेट में 1.5 प्रतिशत तक बढ़त का अनुमान

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रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा बुधवार को प्रमुख दरों में की गई बढ़ोतरी एक शुरुआत है और आने वाले समय में रेपो रेट में और बढ़त देखने को मिल सकती है. बाजार के जानकारों ने ये अनुमान दिया है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक आज की अप्रत्याशित बढ़त से साफ संकेत हैं कि रिजर्व बैंक को तेजी के साथ कदम उठाना था जिससे महंगाई दर अर्थव्यवस्था (Economy) की विकास दर को पटरी से नीचे न उतार दे. रिजर्व बैंक ने आज रेपो रेट (Repo rate) को 40 बेस अंक बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया है. केन्द्रीय बैंक के इस फैसले से कॉर्पोरेट और आम कर्जदारों के लिये कर्ज महंगा हो जाएगा. दरअसल बैंक के लिए सबसे बड़ी चिंता महंगाई दर को नियंत्रण में रखना है जो कि बीते 3 महीनों से बेलगाम हो गई है.

महंगा होगा कर्ज

रेपो दर में आज हुई बढ़त का असर धीरे धीरे देखने को मिलेगा. श्रीराम फाइनेंस ट्रांसपोर्ट के वाइस चेयरमैन उमेश रेवांकर के मुताबिक वो मानते हैं कि ब्याज दरें आने वाले समय में धीरे धीरे बढेंगी. हालांकि बाजार में फिलहाल बड़ी मात्रा में नकदी मौजूद है इसलिए कर्ज की लागत में भी धीरे धीरे बढ़त देखने को मिलेगी. वहीं अपनापैसा के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन वी स्वामीनाथन ने कहा कि सभी लोन जो रेपो लिंक्ड हैं खास तौर पर होम लोन और लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी अब महंगे पड़ेंगे वहीं बैंकों के द्वारा एमसीएलआर बढ़ाने से अन्य लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी.

बढ़ती महंगाई से रिजर्व बैंक पर था दबाव

आईएफए ग्लोबल के अभिषेक गोयनका के मुताबिक रिजर्व बैंक पर बढ़ती महंगाई का दबाव पड़ा है और इसे नियंत्रित करने के लिये केन्द्रीय ने बैंक ने तेजी के साथ कदम उठाया है. उन्होने कहा कि हम देख चुके हैं कि महंगाई की वजह से बड़ी एफएमसीजी कंपनियों के मुनाफे पर बुरा असर पड़ा है. इससे कीमतों के दबाव की तस्वीर साफ हुई है. बाजार पहले से ही दरों में बढ़ोतरी का अनुमान लगा रहा था, हालांकि उसे अगले महीने इस बढ़त की उम्मीद थी और साथ ही बढ़त कम रहने का अनुमान था.

आगे भी जारी रहेगी दरों में बढ़ोतरी

वहीं बाजार के जानकारों के मुताबिक ये दरों में बढ़त की शुरुआत है और आगे प्रमुख दरों में कई और बढ़त देखने को मिल सकती है. ट्रस्ट म्युचुअल फंड के सीईओ संदीप बागला के मुताबिक बाजार को जून में भी 35 बेस अंक की बढ़त का अनुमान रखना चाहिए. मुथूट फाइनेंस के एमडी जॉर्ज एलेक्जेंडर मुथूट ने कहा कि वो मानते हैं कि ये रिजर्व बैंक के द्वारा रेट्स में बढ़ोतरी की शुरुआत है. वहीं एमके ग्लोबल फाइनेंशियल की मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा के अनुसार 2022-23 में दरों में 1.25 से 1.5 प्रतिशत की बढ़त हो सकती है.

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