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जानिए क्या होती है कैवरनस फिस्टुला बीमारी, जिसमें बाहर आ जाती है मरीज की आंखें

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नेपाल से दिल्ली आए एक आए एक युवक कोआंखों में लालीमा और सूजन की समस्या थी, जिसके चलते उन्हें धूंधला दिखाई दे रहा था. शुरूआत में आंख में एलर्जी/ इन्फेक्शन समझ कर इसका इलाज किया गया, लेकिन सहीं इलाज़ नहीं होने के कारण उनकी स्थिति बिगड़ती चली जा रही थी. इसे देखते हुए मरीज दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती हुआ. जांच में पता चला कि मरीज को कैवरनस ड्यूरल आर्टीरियोवीनस फिस्टुला (Cavernous dural arteriovenous fistula) नाम की बीमारी है. यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. इस बीमारी का अगर इलाज न हो तो मरीज की आंखें बाहर की तरफ आ जाती है, लेकिन डॉक्टरों ने कड़ी मेहनत करके मरीज का सफल इलाज़ किया और उसे नई जिंदगी दी.

इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कन्सलटेंट डॉ. पीएन रंजन ने बताया कि दिल्ली आए इस युवक की आंखें लाल और सूजन की समस्या थी, उनके देश में इसका ठीक इलाज नहीं हो पा रहा था. इसके लिए उन्हें अपोलो हॉस्पिटल्स भेजा गया. यहां ऑप्थेल्मोजिस्ट विशेषज्ञों ने उन्हें न्यूरोलोजी में भेज दिया. उनमें पल्सेटाईल प्रोप्टोसिस के लक्षण भी दिख रहे थे. इसलिए उसका सेरेब्रल एंजियोग्राम किया गया, जिसमें पता चला कि मरीज कैवरनस फिस्टुला से पीड़ित हैं. इस बीमारी में दिल से दिमाग को खून पहुंचाने वाली नस में असामान्य कम्युनिकेशन होता है, खून का आदान-प्रदान न होने से ब्रेन हेमरेज तक का खतरा रहता है. यह एक बेहद दुर्लभ न्यूरोलोजिकल स्थिति है, इसका उपचार भी मुश्किल होता है. ऐसे में हमें तुरंत वैकल्पिक तरीकों से उनका इलाज शुरू किया और इसमें सफलता मिली.

बाहर की तरफ आ जाती है मरीज की आंख

डॉ, हर्ष रस्तोगी, सीनियर कन्सलटेन्ट न्यूरो इंटरवेंशन रेडियोलोजिस्ट, अपोलो हॉस्पिटल ने कहा, इस मामले में मरीज़ की आर्टरी का खून वेन्स के खून में मिल रहा था. इसी वजह से हर धड़कन के साथ उनकी आंख में उभार आता था. इस समस्या को हल करने के लिए हमने सर्जरी के द्वारा रक्त वाहिकाओं का शॅार्ट-सर्किट डिस्कनेक्ट किया, जिससे आंख में लालगी की समस्या को समाधान हो सका और सूजन भी खत्म हो गई”

रिकवर हो गया है मरीज

डॉ. रस्तोगी ने कहा ” यह एक चुनौती वाला ऑपरेशन था, लेकिनहमें खुशी है कि हमारी टीम ने भर्ती के सिर्फ 5 दिनों के अंदर इस मरीज़ का सफल इलाज किया. मामले की जटिलता के बावजूद समय पर निदान कर मरीज़ को उचित इलाज मिला. सर्जरी के बाद मरीज़ ठीक है और अपने घर चला गया है. वह पूरी तरह से संतुष्ट है”

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