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जहांगीरपुर हिंसा पर रिपोर्ट में खुलासा: शोभायात्रा के खिलाफ उकसाया गया, लोग इतने आक्रामक थे कि… गवाहों ने बताई आंखों-देखी कहानी

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा के नेतृत्व में बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों के एक समूह ने जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक हिंसा पर एक तथ्यान्वेषी रिपोर्ट (Fact-Finding Report) जारी की है. इस समूह ने कुछ दिनों पहले हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा किया था. ग्रुप ऑफ इंटेलेक्चुअल्स एंड एकेडेमिशियंस (बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों का समूह) की सदस्य श्रुति मिश्रा ने कहा, गवाहों ने उन्हें बताया कि 16 अप्रैल को जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) के सी-ब्लॉक इलाके में हनुमान जयंती शोभायात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकाली गई थी और अंसार (हिंसा के मुख्य आरोपी) ने तब भीड़ को उकसाया था, जब वह मस्जिद के पास से गुजर रही थी. मिश्रा ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, 16 अप्रैल को पथराव में शामिल लोग इतने आक्रामक थे कि उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने भगवान हनुमान की मूर्ति को तोड़ने का भी प्रयास किया.

रिपोर्ट जारी करने के दौरान उमा शंकर भी मौजूद थे, जो हनुमान जयंती शोभायात्रा का नेतृत्व कर रहे थे और (दिल्ली पुलिस के अनुसार) हिंसा में घायल हुए एकमात्र नागरिक हैं. उन्होंने दावा किया कि हिंसा भड़कने पर उन पर तलवार से हमला किया गया था. उमा शंरप ने कहा कि शोभायात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जा रही थी और बड़ी संख्या में महिलाएं उन पर पथराव कर रही थीं, जब वे उस क्षेत्र (सी-ब्लॉक) से गुजर रहे थे, जहां मस्जिद स्थित है.

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता प्रेम शर्मा भी रिपोर्ट जारी करने के दौरान मौजूद थे, जिनसे दिल्ली पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में पूछताछ की थी. उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें शोभायात्रा के लिए अनुमति दी थी और वे वर्षों से इसी तरह की शांतिपूर्ण शोभायात्रा निकाल रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट की वकील मोनिका अरोड़ा ने कहा, दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी संतुलन बनाने की कोशिश लगती है. हमने देखा है कि जहांगीरपुरी के सी-ब्लॉक के एक हिस्से पर अवैध प्रवासियों का कब्जा है. सामाजिक कार्यकर्ता मोनिका अग्रवाल पांच सदस्यीय तथ्यान्वेषी दल का हिस्सा थीं. उन्होंने कहा कि हिंसा के कारण कई निर्दोष लोगों को नुकसान हुआ है.

अग्रवाल के मुताबिक, जहांगीरपुरी के रहने वाले एक युवक पर हमला किया गया और वहां हिंसा भड़कने पर उसकी बाइक चोरी हो गई. युवक को नौकरी मिले एक साल भी नहीं हुआ था और उसने अपनी मेहनत की कमाई से बाइक खरीदी थी. वह पांच साल के बच्चे के साथ सी-ब्लॉक इलाके से गुजर रहा था, तभी उस पर हमला हुआ.

हिंसा के सिलसिले में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि दो किशोरों को भी पकड़ा गया है. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है.

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