दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। नगर निगम का दस्ता अतिक्रमण हटाने के लिए इलाके में बुधवार को बुलडोजर लेकर पहुंच गया। जिसके बाद जहांगीरपुरी में हिंसा वाली जगह पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने बुधवार को अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया था। इसके तहत जहांगीरपुरी में कई दुकानों, रेहड़ी पटरियों को तोड़ दिया था। हालांकि, कोर्ट के दखल के बाद यह कार्रवाई रोक दी गई थी।
आपको बता दें कि ढाई घंटे तक भारी पुलिसबल की मौजूदगी में 50 से ज्यादा दुकानों में तोड़फोड़ की गई। सुप्रीम कोर्ट ने बाद में बुलडोजर चलाने पर रोक लगा दी। यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल जनरल सेक्रेटरी अजय माकन के नेतृत्व में, जहांगीरपुरी में कल हुए विध्वंस अभियान से प्रभावित परिवारों से मिलने पहुंचा।
जनरल सेक्रेटरी अजय माकन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ऐसा लगता ही नहीं है कि देश में कानून का राज है। कानून ये इजाज़त नहीं देता कि बिना नोटिस दिए किसी के घर को गिराया जाए। मेरे पास कोर्ट का 2019 का भी आदेश है जिसमें कहा गया है कि किसी को बिना नोटिस दिए उसका घर नहीं गिराया जा सकता है तो फिर कल यहां ऐसा क्यों हुआ।
अजय माकन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि मैं आप सबसे कहना चाहता हूं कि कृपया इस प्रक्रिया को धर्म के चश्मे से ना देखें। ये सिर्फ गरीब के पेट पर लात मारी गई है। ये इसलिए हुआ है क्योंकि हमारे देश में बेरोज़गारी-महंगाई से सबसे ज्यादा पीड़ित गरीब हैं, उनका ध्यान भटकाने और उन्हें धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश हुई है।
आपको बता दें कि कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल जनरल सेक्रेटरी अजय माकन के नेतृत्व में कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि कल जिस तरह से सरकारी उत्पीड़न हुआ है हम उसके खिलाफ आज पीड़ितों से मिलने जा रहे हैं। साथ ही वहां से लौट कर सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौपेंगे और उसके बाद पार्टी आगे की कार्रवाई करेगी।
इसी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी करते हुए यथास्थिति का आदेश जारी किया है। बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अब दो हफ्ते बाद होगी। दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल यानी की हनुमान जयंती के अवसर पर दो पक्षों में हिंसा हुई थी। इस दौरान दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अनिल चौधरी और दिल्ली के एआईसीसी प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल भी मौजूद रहे।