नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर की कॉपी उपलब्ध कराने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एनआईए को नोटिस जारी किया है। जस्टिस अनूप कुमार मेंहदीरत्ता ने 10 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
यह याचिका एनआईए की छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किये गए मोहम्मद युसूफ ने दायर की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील अदीत एस पुजारी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि आरोपितों को उनकी हिरासत खत्म होने के बाद एफआईआर और अन्य दस्तावेज की प्रति उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया। सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से याचिका के सुनवाई योग्य होने पर सवाल उठाया गया। एनआईए की ओर से कहा गया कि ट्रायल कोर्ट का आदेश अंतरिम है इसलिए इसे चुनौती नहीं दी जा सकती है।
केंद्र सरकार ने 28 सितंबर को पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों को पांच सालों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। ये प्रतिबंध यूएपीए की धारा 3(1) के अधिकारों के तहत लगाया है। केंद्र सरकार ने पीएफआई के सहयोगी संगठनों, रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल (एआईसीसी), नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ) नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को भी प्रतिबंधित किया है। एनआईए ने कई राज्यों में छापा मारकर पीएफआई के काफी सदस्यों को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने भी करीब पचास स्थानों पर छापा मारकर 30 से ज्यादा पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
छापेमारी के दौरान गिरफ्तार पीएफआई सदस्य ने मांगी एफआईआर की कॉपी, एनआईए को नोटिस
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