White Blazer in ICC Champions Trophy:
9 मार्च 2025, भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन बन गया, जब भारतीय क्रिकेट टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर तीसरी बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता। इस जीत में रवींद्र जडेजा का वह शानदार चौका, जिसने भारत को जीत दिलाई, सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा में रहा। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया भारतीय टीम को दिया गया व्हाइट ब्लेजर (सफेद कोट)। आइए जानें कि चैंपियंस ट्रॉफी विजेता को सफेद कोट क्यों दिया जाता है और इसका क्या महत्व है।
टीम इंडिया को क्यों मिला व्हाइट ब्लेजर?
चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन 1998 में हुआ था, लेकिन विजेता टीम को व्हाइट ब्लेजर देने की परंपरा 2009 में शुरू हुई थी। आईसीसी (ICC) की आधिकारिक वेबसाइट पर बताया गया है कि यह सफेद कोट ‘बैज ऑफ ऑनर’ के रूप में दिया जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो, यह व्हाइट ब्लेजर विजेता टीम की महानता, दृढ़ता और सम्मान को दर्शाता है। यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का एक प्रतीक भी है और यह उस जोश और संघर्ष का प्रतीक है, जिसे विजेता टीम ने ट्रॉफी जीतने के लिए दिखाया था।

पहली बार किसे मिला व्हाइट ब्लेजर?
व्हाइट ब्लेजर देने की परंपरा 2009 में शुरू हुई थी। वह साल चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में हुआ था, जहां फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमें आमने-सामने थीं। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 6 विकेट से हराकर चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। ऑस्ट्रेलिया पहली टीम थी, जिसे व्हाइट ब्लेजर से सम्मानित किया गया था। इसके बाद, भारत को 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर व्हाइट ब्लेजर मिला था और पाकिस्तान को भी 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद यह सम्मान मिला था।
व्हाइट ब्लेजर का महत्व:
व्हाइट ब्लेजर को एक सम्मान के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, जो चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम के लिए एक बड़ा सम्मान होता है। यह सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उस टीम की उपलब्धियों और कड़ी मेहनत को मान्यता देने का तरीका है, जो उन्होंने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करके हासिल की है। इस परंपरा के माध्यम से, आईसीसी विजेता टीम को उनके कठिन परिश्रम और खेल की उत्कृष्टता के लिए सम्मानित करता है।
इस तरह, व्हाइट ब्लेजर की परंपरा ने चैंपियंस ट्रॉफी को एक अलग ही विशेषता दी है, जिससे प्रत्येक विजेता टीम को हमेशा याद किया जाता है।