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चुनावी मैदान में भाजपा अलाकमान से शिवराज सिंह चौहान के दुश्मन के रूप में प्रतिष्ठित है! क्या कांग्रेस के दावे में इतना ही दम है?

क्या शिवराज सिंह चौहान के बीजेपी से दूरी बढ़ रही है? यह सवाल मध्यप्रदेश कांग्रेस ने उठाया है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में सिर्फ दो हफ्ते से भी कम बचा है। इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कई केन्द्रीय मंत्रियों का मध्यप्रदेश में धूमधाम से प्रचार हो रहा है, लेकिन शिवराज सिंह की स्टार कैंपेनिंग की सूची में उनके दौरे की सीमा तय की गई है।

by Nikhil

Lok Sabha Elections 2024: क्या शिवराज सिंह चौहान से बीजेपी की दूरी बढ़ रही है? यह सवाल मध्यप्रदेश कांग्रेस द्वारा उठाया गया है। राज्य में लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में अब दो हफ्ते से भी कम वक्त बचा है। इस माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कई केन्द्रीय मंत्रियों का मध्यप्रदेश में उत्साहपूर्वक प्रचार हो रहा है, लेकिन बीजेपी की स्टार कैंपेनिंग में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के दौरे सीमित नजर आ रहे हैं। अब तक उनके विदिशा से बाहर केवल दो ही दौरे हुए हैं, जबकि विधानसभा चुनाव में वे अपने 37 दिनों में 165 सभाओं और रोड शो में विजयी हो चुके हैं।

हालांकि, शिवराज सिंह चौहान स्वयं इसे बड़े ही सावधानी से नहीं लेते। उनका कहना है कि वे जितना आवश्यक है, उतना ही ध्यान देते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वे अपने लोकसभा क्षेत्र में पूरा समय नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन वे चुनाव में जनता के साथ हैं। उनका कहना है कि वे पार्टी की जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसे पूरा करेंगे। वे यह भी ध्यान देते हैं कि उनके लिए पूरा विदिशा लोकसभा क्षेत्र एक परिवार की तरह है, और उनका सभी से प्रेम के रिश्ते हैं।

मौजूदा लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान, शिवराज सिंह चौहान 4 अप्रैल को होशंगाबाद गए थे, जहां उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी दर्शन सिंह चौधरी के साथ नर्मदा पूजन किया और फिर दिल्ली के लिए रवाना हो गए। उसके बाद, 8 अप्रैल को उन्होंने छिंदवाड़ा के पांढुर्ना, अमरवाड़ा और जुन्नारदेव में जनसभा की। हालांकि, पिपरिया में बारिश की वजह से उनकी सभा नहीं हो पाई।

विदिशा में, 64 साल के शिवराज के सामने 77 साल के भानु प्रताप शर्मा चुनावी मैदान में हैं। भानु प्रताप शर्मा ने दो बार विदिशा से सांसद का कार्य किया है, जबकि 33 साल पहले शिवराज ने उन्हें शिकस्त दी थी। हालांकि, शिवराज ने कहा है कि वे अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। उन्होंने भानु प्रताप शर्मा की सांसदी के कार्य को भी सम्मानित किया है।