पूरी दुनिया में बढ़ती गेहूं की मांग के बीच इस साल सरकार ने रिकॉर्ड 444 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीदने का टारगेट रखा है. जिसमें से अब तक 136 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीद (Wheat Procurement) हो चुकी है. जिसमें पंजाब और हरियाणा सबसे आगे हैं. जबकि देश का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं खरीदार मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) अभी इस मामले में पिछड़ा हुआ है. ऐसे में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से सख्त लहजे में कहा है कि सूबे में गेहूं खरीद और भुगतान की स्थिति से मुख्यमंत्री कार्यालय को रोजाना अवगत कराया जाए. मध्य प्रदेश में अब तक मुश्किल से 26 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है. जबकि उसका खुद का लक्ष्य (Target) 129 लाख मिट्रिक टन का है.
कम खरीद की वजह से राज्य में किसानों को 5191 करोड़ रुपये ही एमएसपी (MSP) के तौर पर मिल सके हैं. केंद्र सरकार देश भर में करीब 12 लाख किसानों को 27,592 करोड़ रुपये के एमएसपी का भुगतान कर चुकी है. उत्तर प्रदेश तो इस मामले में मध्य प्रदेश से भी पीछे है, जहां 24 अप्रैल तक महज 82578 मिट्रिक टन ही गेहूं खरीदा गया है. जबकि यहां 60 लाख मिट्रिक टन खरीद का टारगेट है. इसलिए यहां किसानों को सिर्फ 166 करोड़ रुपये ही मिले हैं. यूपी में 15 जून तक खरीद चलेगी.
पंजाब, हरियाणा में कितनी हुई खरीद
कृषि क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि इस साल कई राज्यों में मंडी से बाहर यानी ओपन मार्केट में गेहूं का दाम एमएसपी से ज्यादा है इसलिए सरकारी खरीद स्लो है. इस साल पंजाब सरकार को सबसे ज्यादा 132 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य मिला है. यहां पर खरीद भी काफी तेजी से हो रही है. अब तक 74 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है. अभी यहां पर 31 मई तक खरीद होगी. यहां अब तक 605462 किसानों को 14948 करोड़ रुपये की एमएसपी का पेमेंट किया जा चुका है. यह देश में सबसे अधिक है.
हरियाणा सरकार ने 85 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीद का टारगेट तय किया है, जिसमें से 36 लाख टन की खरीद हो चुकी है. यहां पर 2.7 लाख किसानों को 7273 करोड़ रुपये की एमएसपी का भुगतान हो चुका है. गेहूं खरीद में बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल सबसे पीछे हैं. इस साल सरकार 2015 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर गेहूं खरीद रही है.
मध्य प्रदेश सरकार ने रखा भुगतान का लक्ष्य
राज्य सरकार ने बताया कि 4221 केंद्रों पर खरीद जारी है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई के मुताबिक गेहूं खरीद के विरूद्ध किसानों को 2 मई तक सभी लंबित भुगतान पूरे कर दिए जाएंगे. रोजाना 35 हजार किसानों के खाते में लगभग 500 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किए जाने का लक्ष्य है. गेहूं का भुगतान किसानों के आधार नंबर आधारित बैंक खाते में करने की व्यवस्था की गई है.