गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बुधवार को दोपहर से शुरू हुई आग ने करीब 36 घंटे तक अपनी भास्वी सिरे से बेजोड़ धूम उड़ाई। धू-धू कर जलती रही इस आग को शांत करने के लिए दमकल विभाग के कर्मचारियों ने कठिन परिश्रम किया।
आग लगने के बाद उड़ी धूल-राख की आवाज ने सांसों को कठिनाई में डाल दिया जो आस-पास की कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को प्रभावित किया। मंगलवार की शाम को आई आंधी ने स्थिति को और अधिक खराब कर दिया। लोगों की सांसों में आई असुविधा के साथ-साथ उलझन भी महसूस हुई।हालांकि, हल्की बारिश ने कुछ हद तक राहत दिलाई, लेकिन संकट का अंत करने के लिए लैंडफिल साइट पर वॉटर स्प्रिंकलर का प्रयोग किया जा रहा है।
गाजीपुर लैंडफिल साइट पर करीब 36 घंटे तक ज़ोरदार आग लगी रही। रविवार को दोपहर से इस आग ने धू-धू कर जलने का महोस महौल बना दिया। इस आग को बुझाने के लिए दमकल विभाग के कर्मचारियों ने खास मेहनत की।
सोमवार को पूरा दिन आग को नियंत्रित करने की कोशिश की गई। एमसीडी के मुताबिक, शाम को करीब 90 फीसदी तक आग को नियंत्रित किया गया। मंगलवार को कूड़े में आग सुलगती रही, और शाम को आई आंधी से आस पास के इलाकों में धूल और राख का बहुतायत में फैलाव देखा गया। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई।
लैंडफिल साइट के 3000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में आग फैली थी। इस घटना के बारे में एमसीडी ने जानकारी दी कि इसे नियंत्रित करने के लिए इनर्ट और निर्माण व विध्वंसक मलबे का इस्तेमाल किया गया। वहीं, दमकल की गाड़ियों ने पानी की धार से आग को काबू किया। इस संघर्ष में करीब 600 मीट्रिक टन इनर्ट का इस्तेमाल हुआ।
मौजूदा समय में 16 एक्सकेवेटर, चार बुलडोजर, और आठ दमकल की गाड़ियां मौके पर तैनात की गई हैं। इसके अलावा, चार से अधिक वाटर स्प्रिंकलर भी मौके पर तैनात किए गए हैं।