महाराष्ट्र में इस बार कपास को रिकॉर्ड भाव मिल रहा है, जिसके बाद कपास के भाव और स्टॉक जमा करने पर चर्चा हो रही थी. अब खरीफ सीजन आने वाला है और इस साल के खरीफ में कपास (Cotton) की खेती और रेट की तस्वीर क्या होगी, इसे लेकर काफी चर्चा है. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया का अनुमान है कि इस साल कपास के लिए मौसम अच्छा रहेगा. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की मांग रिकॉर्ड भाव से ऊपर बनी रहेगी. ऐसे में उत्पादन बढ़ने पर भी किसानों (Farmer) को अच्छा रेट मिल सकेगा. वहीं किसानों की चिंता है कि अगर इस साल उत्पादन बढ़ा तो कीमतें गिर जाएंगी, लेकिन कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि कपास के मामले में ऐसा नहीं होगा, क्योंकि इस साल उत्पादन घटने के कारण मांग के मुकाबले आपूर्ति ज्यादा नहीं रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर आने वाले समय में उत्पादन बढ़ता है, तब भी किसानों को रिकॉर्ड रेट मिलने की संभावना है. अब यह देखना होगा कि इस साल खरीफ में सोयाबीन की तुलना में कपास की बुवाई अधिक होती है या नहीं.
पिछले कुछ वर्षों में प्रकृति कृषि उत्पादन में एक बड़ी बाधा रही है. नतीजा, यह रहा कि पिछले साल कपास का अधिक उत्पादन किसानों को नहीं मिला. माना जा रहा है कि इस साल अगर मौसम अनुकूल रहा तो उत्पादन में 20 लाख टन की बढ़ोतरी होगी. इस साल उम्मीद जताई जा रही है कि कपास का रकबा बढेगा.
सोयाबीन-कपास में प्रतिस्पर्धा
सोयाबीन खरीफ सीजन की प्रमुख फसल है. इस साल सोयाबीन की कीमत कम रही है जबकि कपास की कीमत दोगुनी हो गई है. ऐसे में यह देखना बाकी है कि कपास की उपेक्षा करने वाले क्षेत्र का क्या होगा. इस वर्ष कपास के रकबे में वृद्धि निश्चित मानी जा रही है. अब देखना बाकी है कि फसल पैटर्न में बदलाव से किसानों को क्या फायदा होगा.
कपास के रेट में लगतार हो रही वृद्धि
इस समय कपास का सीजन खत्म होने को है. पिछले 6 महीने से कपास का सीजन चल रहा है, लेकिन कपास की कीमत में एक बार भी गिरावट नहीं आई है. रेट दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. सीजन की शुरुआत में कपास 6,400 रुपये प्रति क्विंटल था, अब भाव 12,000 रुपये तक पहुंच गया है. उत्पादन में गिरावट के बावजूद बढ़ती दरों से उत्पादकों को राहत मिली है. अकोला जिले में कपास को 12,000 रुपये का रिकॉर्ड रेट मिला है तो वहीं परभणी कृषि उपज मंडी समिति में कपास को 12,500 तक का रिकॉर्ड भाव मिल रहा है. ये अब तक का सबसे ज्यादा रेट है. रेट में बढोतरी को देखकर अनुमान जताया जा रहा है कि इस बार खरीफ में भी किसानों को अच्छा लाभ मिलेगा.