एक नया अध्ययन बताता है कि लगभग 2500 साल पहले एक भयंकर भूकंप ने धरती को हिला दिया था। इस भूकंप के प्रभाव से गंगा नदी का मार्ग अचानक बदल गया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 और 8 के बीच थी। शोधकर्ताओं ने इसके प्रमाण को पुष्टि किया है, जिसके फलस्वरूप लगभग 14 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे।
वर्ष 2018 में शोधकर्ताओं ने बांग्लादेश में गंगा नदी के मुख्य मार्ग के क्षेत्र में खोज की थी, जहां भूकंप के परिणामस्वरूप बनी सीस्माइट आकृतियों को देखा था। उनके अनुसार, एक ही समय में कई ऐसी आकृतियां बनी थीं। यहां के रेत और कीचड़ के रासायनिक विश्लेषण से पता चला कि लगभग 2,500 साल पहले इस क्षेत्र में लगभग 7-8 तीव्रता का भूकंप आया था।
शोधकर्ता स्टेकलर ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार, बहुत समय पहले एक शक्तिशाली भूकंप ने धरती को अपने प्रभाव में लेकर इसकी ज़मीन और नदियों को अचानक बदल दिया था। इस अध्ययन में विशेष महत्वपूर्ण बात यह है कि यह भूकंप गंगा नदी के डेल्टा क्षेत्र में हुआ था, जो अत्यंत प्राचीन और महत्वपूर्ण घटना है। शोधकर्ताओं ने उपग्रह तस्वीरों का इस्तेमाल करके बांग्लादेश के ढाका से 100 किलोमीटर दक्षिण में गंगा नदी के मुख्य मार्ग की खोज की, जहां उन्होंने भूकंप के पुराने असर देखे।