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कुमार विश्वास को हाई कोर्ट ने दी बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर लगाई रोक, FIR को लेकर जारी रहेगी सुनवाई

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पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कुमार विश्वास ने आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ बयान दिया था. इस बयान को लेकर रोपड़ में एक ‘आप’ समर्थक ने कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. इसी शिकायत के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर को रद्द किए जाने की कुमार विश्वास ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर हाईकोर्ट (High Court) ने आज उन्हें बड़ी राहत देते हुए इस मामले में उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है. कुमार विश्वास पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने के मामले को लेकर सुनवाई अभी जारी रहेगी. लेकिन फिलहाल उन्हें ये अंतरिम राहत दी गई है.

इससे पहले विश्वास ने याचिका में कहा कि रूपनगर पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामला कानून की प्रक्रिया का सरासर दुरुपयोग और राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने अपने वकीलों मयंक अग्रवाल और हिमांशु गुप्ता के माध्यम से दायर अपनी याचिका में कहा कि जिस तरह से जांच एजेंसी आगे बढ़ रही है, उससे स्पष्ट है कि वह ऐसी प्रक्रिया अपनाकर याचिकाकर्ता की स्वतंत्रता को कम करने की कोशिश कर रही है, जिसका कानून से कोई लेना देना नहीं है.

12 अप्रैल को दर्ज किया गया था मामला

इसमें कहा गया है, ‘विश्वास के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना बिल्कुल अवैध, मनमाना और अनुचित है.’ गौरतलब है कि पंजाब में रूपनगर के सदर थाने में 12 अप्रैल को विश्वास के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. विश्वास ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल पर अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था. पंजाब पुलिस 20 अप्रैल को गाजियाबाद स्थित विश्वास के घर पहुंची थी और उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था.

AAP समर्थक ने विश्वास पर लगाया भड़काऊ भाषण देने का आरोप

पुलिस ने बताया कि आप के एक समर्थक ने उन्हें दी शिकायत में कहा कि विश्वास ने अलगाववादी तत्वों के साथ संबंधों का आरोप लगाते हुए समाचार चैनलों और सोशल मीडिया मंच पर केजरीवाल के खिलाफ ‘भड़काऊ बयान’ दिए. शिकायतकर्ता ने दावा किया कि जब वह लोगों की शिकायतों के निवारण के लिए आप समर्थकों के साथ गांवों में घूम रहे थे, तो कुछ अज्ञात नकाबपोशों ने उन्हें रोका और उन्हें खालिस्तानी कहा. शिकायतकर्ता ने कहा था, ‘इस तरह की घटनाएं नियमित रूप से हो रही हैं. यह सब तब शुरू हुआ, जब विश्वास ने आप संयोजक केजरीवाल के खिलाफ समाचार चैनलों/सोशल मीडिया मंचों पर अलगाववादी तत्वों से आप के जुड़ाव का आरोप लगाते हुए भड़काऊ बयान दिया.’

भाषा इनपुट्स के साथ

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