नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बिना कारण परेशान किया जा रहा है। साथ ही पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने उनके सदस्यों को जल्द से जल्द छोड़ने की मांग की है। वहीं, जम्मू कश्मीर चुनाव आयोग ने इस पर संज्ञान लिया है।
महबूबा मुफ्ती ने एक पत्र लिख कर मामले में चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने पत्र में कहा कि पीडीपी के समर्थकों को जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा डराया धमकाया जा रहा है। पत्र में कहा गया कि कई पार्टी सदस्यों, समर्थकों और कार्यकर्ताओं को बिना किसी कारण के मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया।
महबूबा ने पत्र में अनंतनाग-राजोरी निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव में देरी आयोग की निष्पक्षता को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि नागरिकों को अपनी लोकतांत्रिक आवाज व्यक्त करने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने मामले में चुनाव आयोग से तत्काल कार्रवाई की अपील की।
वहीं, श्रीनगर लोकसभा सीट से पीडीपी के उम्मीदवार वाहिद पर्रा ने आरोप लगाया कि एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा उनकी पार्टी के मजबूत आधार वाले क्षेत्रों में कम मतदान कराने की कोशिश करने की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव 1987 की धांधली को याद दिला रहे हैं।
रुहुल्लाह मेहदी ने भी लगाया आरोप
श्रीनगर से नेकां के उम्मीदवार आगा रुहुल्लाह मेहदी ने आरोप लगाया कि उनके कार्यकर्ताओं को शनिवार से पुलिस हिरासत में ले रही है। एआर राथर जैसे वरिष्ठ पार्टी सदस्य ने उन्हें फोन कर बताया कि चरारे शरीफ से उनके कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की गई है। खान साहब और चडूरा के पार्टी सदस्यों के हिरासत में लेने की जानकारी मिली है। उन्होंने नेकां और पीडीपी के कार्यकर्ताओं को जल्द छोड़ने की मांग की।