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कांग्रेस मुख्यालय में ‘इफ्तार पार्टी’ पर विवाद! डिनर छोड़कर पीछे के दरवाजे से निकले बड़े नेता; इमरान प्रतापगढ़ी ने दी सफाई

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कांग्रेस मुख्यालय में अल्पसंख्यक विभाग की तरफ से आयोजित एक सेमिनार के बाद डिनर को लेकर खासा विवाद (Iftar Party In Congress Headquarter) शुरू हो गया है. विवाद इस बात को लेकर है कि सेमिनार खत्म होने और डिनर का समय उसी वक़्त रहा जब इफ्तारी की जाती है. अमूमन कांग्रेस मुख्यालय में धार्मिक आयोजन नहीं होते इसलिए सवाल उठा कि कांग्रेस मुख्यालय सेमिनार के बाद का डिनर हुआ, या फिर इसके नाम पर पार्टी मुख्यालय में रोज़ा इफ्तारी हुई. बताया जा रहा है कि कई लोग दिल्ली (Delhi) के कांग्रेस मुख्यालय में असर की नमाज़ भी पढ़ते नज़र आए. हाालंकि इस विवाद पर भारतीय कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi) ने कहा कि, हमने रोज़ा इफ्तार नहीं बल्कि सेमिनार के बाद डिनर रखा है.

लोकतंत्र बनाम बुलडोज़र पर सेमिनार

दरअसल, कांग्रेस (Congress) मुख्यालय में लोकतंत्र बनाम बुलडोज़र तंत्र को लेकर शाम 4 बजे सेमिनार शुरू हुआ. जिसमें अल्पसंख्यक विभाग के मुखिया इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi Congress), सलमान खुर्शीद, अजय माकन, के. राजू सरीखे नेता शरीक हुए. यह कार्यक्रम करीब पौने 6 बजे तक चला. इसके बाद कांग्रेस मुख्यालय में ही डिनर का आयोजन किया गया. जिसके ठीक पहले कई लोग असर की नमाज़ कांग्रेस मुख्यालय में पढ़ते नज़र आए. सेमिनार खत्म होने की टाइमिंग और डिनर की टाइमिंग उसी वक़्त की रही जब इफ्तारी का समय था. जिस कारण सवाल उठने लगा कि सेमिनार के नाम पर पार्टी मुख्यालय में रोज़ा इफ्तारी की पार्टी तो नही हुई.

डिनर में शामिल नहीं हुए बड़े नेता

वैसे अब इसे इत्तेफ़ाक़ कहें या सियासी समझ कि, सेमिनार खत्म होते ही बड़े नेता पीछे के दरवाजे से निकल गए और डिनर में शामिल नहीं हुए. अब इस विवाद पर इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi Chairman National Minority Unit) ने कहा कि, हमने रोज़ा इफ्तार नहीं बल्कि सेमिनार के बाद डिनर रखा है. अब कोई रोज़े से है तो वो इफ्तार करेगा, मैं भी हूं, जो रोज़े से नहीं है वो खाना खायेगा. जो व्रत है वो व्रत तोड़ ले.

मगरिब की नमाज़ मस्जिद में जाकर पढ़ें: इमरान

सूत्रों के मुताबिक, असर की नमाज़ और मसले पर विवाद होते देख इमरान प्रतापगढ़ी (Famous Poet Imran Pratapgarhi) ने डिनर के वक़्त सभी से कहा कि, आप लोग यहां इफ्तारी कर लें. लेकिन इफ्तारी के बाद होने वाली मगरिब की नमाज़ पास की मस्जिद में जाकर पढ़ें, कांग्रेस मुख्यालय में नहीं.

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