कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के सुझावों पर विचार के लिए गठित समिति की रिपोर्ट पर मंथन करने के बाद सोमवार को फैसला किया कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के मकसद से विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह का गठन किया जाएगा. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला किया गया है कि आगामी 13, 14 और 15 मई को नवसंकल्प चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा जिसमें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
सुरजेवाला ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने से जुड़े प्रश्नों पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया. सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर के सुझावों पर विचार के लिए गठित आठ सदस्यीय समिति की रिपोर्ट पर वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की. इस बैठक के बाद सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस अध्यक्ष ने संगठन और राजनीतिक चुनौतियों को देखने और परखने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया था. इस समिति ने 21 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. सोनिया गांधी ने आज इस समूह के सदस्यों के साथ मंत्रणा की. इसके बाद उन्होंने यह निर्णय लिया कि भविष्य की राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए इम्पॉवर्ड एक्शन ग्रुप का गठन किया जाएगा.
उन्होंने बताया, कांग्रेस अध्यक्ष ने यह फैसला भी किया है कि 13, 14 और 15 मई को नवसंकल्प चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा. इसमें 400 से अधिक नेता और कार्यकर्ता भाग लेंगे. नवंसकल्प शिविर में राजनीतिक सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा होगी. सुरजेवाला ने कहा, मौजूदा सरकार में समाज में भिन्न वर्गों के अधिकारों पर जो कुठाराघात हो रहा है, इससे जुड़े मुद्दों पर चिंतन शिविर में विचार किया जाएगा. संगठन को मजबूत करने पर भी इस चिंतन शिविर में मंथन किया जाएगा. उन्होंने कहा, 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या रणनीति रहेगी, इस पर भी निर्णय लिया जाएगा.
बैठक में प्रियंका गांधी भी थीं मौजूद
दिल्ली में 10 जनपथ पर हुई बैठक में समिति सदस्य केसी वेणुगोपाल, दिग्विजय सिंह, अंबिका सोनी, सुरजेवाला, जयराम रमेश और प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद थीं. बता दें कि प्रशांत किशोर की आगामी आम और विधानसभा चुनावों की रणनीति पर विचार-विमर्श की एक सीरीज के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक समूह ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी सिफारिशें सौंप दीं. सिफारिशों पर फैसला करने के लिए और संगठनात्मक परिवर्तन शुरू करने के लिए सोनिया गांधी पर फैसला छोड़ दिया गया है.
(भाषा इनपुट के साथ)