मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गवर्नर को लिखे पत्र में मणिपुर के लोगों की सेवा करने को अपने लिए सम्मान का विषय बताया। उन्होंने केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार ने समय पर हस्तक्षेप, विकास कार्यों और विभिन्न परियोजनाओं के जरिए मणिपुर के लोगों के हितों की रक्षा की। 15 मार्च 2017 को उन्होंने मणिपुर के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला और बीजेपी को पहली बार राज्य में जीत दिलाई। 2022 के विधानसभा चुनावों में भी उन्होंने सत्ता बरकरार रखी। हालांकि, मई 2023 में राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा ने उनके दूसरे कार्यकाल पर सवाल खड़े कर दिए।
एन बीरेन सिंह का जन्म 1961 में मणिपुर के इंफाल में हुआ था। उन्होंने मणिपुर विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री प्राप्त की और फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया। वह डूरंड कप 1981 की विजेता टीम के सदस्य थे और संतोष ट्रॉफी में मणिपुर का प्रतिनिधित्व भी किया। बाद में, उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में भर्ती होकर कुछ समय सेवा की, फिर पत्रकारिता की ओर रुख किया और 1992 में मैतेई भाषा के दैनिक नाहरोलगी थौडांग की शुरुआत की।
उनकी व्यक्तिगत जिंदगी में दो शादियां हुई हैं। उनकी पहली पत्नी का नाम हेयैनु देवी है, और दूसरी पत्नी एसएस ओलिस हैं, जो मणिपुर की विधायक भी हैं। उनके दो बेटे अजय मैतेई और एन गौरो सिंह, और एक बेटी अंजूबाला है। उनके दामाद राजकुमार भी विधायक हैं।
राजनीतिक करियर की शुरुआत एन बीरेन सिंह ने 2002 में क्षेत्रीय पार्टी डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी से की थी। उन्होंने हेनगांग विधानसभा सीट से विधायक के रूप में चुनाव जीते। 2004 में पार्टी का विलय कांग्रेस में हो गया और वे कांग्रेस सरकार में मंत्री बने। 2007 में उन्होंने फिर से इसी सीट से जीत हासिल की और मंत्री के रूप में सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, युवा मामले और खेल विभागों का कार्यभार संभाला।