हरियाणा के किसानों (Haryana Farmer’s) के लिए खुशखबरी है. विशेषकर उन किसानों के लिए, जिनके पास 10 साल पुराने डीजल से चलने वाले कृषि वाहन और ट्रैक्टर हैं. अब ऐसे किसान जून 2025 तक राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र (एनसीआर) में शामिल हरियाणा के सभी 14 जिलों में बिना बेरोक-टोक अपना कृषि वाहन समेत ट्रैक्टर चला सकेंगे. इस संबंध में राज्य सरकार (Haryana Government) ने बीते दिनों बजट सत्र में द हरियाणा लॉ (स्पेशल प्रोविजनल) एक्ट 2019 में संशाेधन किया था. जिसे सोमवार को राज्यपाल ने भी मंजूरी दे दी है. जिसके बाद इसको लेकर कानून व विधायी विभाग की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. जिसके बाद राज्य के किसान अपने 10 साल पुराने डीजल कृषि वाहनों को एनसीआर में शामिल हरियाणा के सभी जिलों में चला सकेंगे.
एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने पुराने वाहनों पर रोक लगाने का दिया था फैसला
दिल्ली समेत एनसीआर के शहरों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने पहले 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्राेल वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संंबध में फैसला सुनाया था. एनजीटी का यह आदेश दिल्ली समेत कई राज्यों में लागू है, जबकि हरियाणा को 30 मार्च तक इससे छूट दी गई थी. इस आदेश को हरियाणा में अप्रभावी बनाने को लेकर राज्य सरकार लंबे समय से सक्रिय थी. जिसके तहत राज्य सरकार ने ऐसे वाहनों को छूट देने की मांग एनजीटी व केंद्र सरकार के समक्ष उठाई थी. अब राज्य सरकार इससे बचाव के लिए खुद कानून लेकर आई है.
हरियाणा के डेढ लाख से अधिक ट्रैक्टरों को राहत
एनजीटी के इस फैसले के असर हरियाणा के डेढ लाख से अधिक ट्रैक्टरों पर पड़ रहा था. असल में एनजीटी ने 10 साल पुराने डीजल वाहनों के चलने पर रोक लगा दी थी. ऐसे में किसानों को उनके ट्रैक्टरों की चिंता सताने लगी थी. एक आंकड़ें के अनुसार राज्य में 3 लाख से अधिक ट्रैक्टर हैं, जिसमें से डेढ लाख ट्रैक्टर ऐसे हैं, जो या तो 10 साल पुराने हो गए हैं या कुछ सालों में इस समयसीमा को पार करवाने वाले हैं.
हरियाणा के यह 14 जिले हैं एनसीआर में शामिल
केंद्र सरकार ने देश की राजधानी दिल्ली से लगते क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र (एनसीआर) में शामिल किया गया है. जिसमें हरियाणा के कुल 22 जिलों में से 14 जिले शामिल हैं. हरियाणा के एनसीआर में शामिल जिलों में गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, नूहं, पलवल, करनाल, पानीपत, झज्जर जींद, रोहतक, महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी दादरी और रेवाड़ी शामिल है. एक आंकड़ें के अनुसार हरियाणा का 50 फीसदी हिस्सा एनसीआर में आता है.