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एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ सकता है GST कलेक्शन, अप्रैल में 1.5 लाख करोड़ रुपए के पार होने की उम्मीद

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केंद्र सरकार के लिए अच्छी खबर है. अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) का रिकॉर्ड टूट सकता है. आंकड़ों के अनुसार, माल एवं सेवा कर (GST) के तहत मार्च में 7.18 करोड़ से ज्यादा ई-वे बिल (eWay Bills) जेनरेट हुए हैं. फरवरी के मुकाबले मार्च में 13 फीसदी ज्यादा ई-वे बिल जेनरेट हुए हैं. ई-वे बिल का मतलब सरकार के लिये कमाई है. इसके बढ़ने का मतलब सरकार को ज्यादा जीएसटी राजस्व मिलेगा. मार्च में बिक्री के लिए टैक्स रिटर्न दाखिल किया जाएगा और अप्रैल में टैक्स का भुगतान किया जाएगा. यह नए साल के पहले महीने में जीएसटी रेवेन्यू कलेक्शम में और उछाल का संकेत दे सकता है.

क्या होता ई-वे बिल?

ई-वे बिल माल की आवाजाही के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से तैयार बिल होता है. यह बिल ई-वे बिल पोर्टल के जरिए जेनरेट होता है. जीएसटी रजिस्टर्ड कोई भी व्यक्ति 50,000 रुपए से ज्यादा का माल बिना ई-वे बिल के सप्लाई नहीं कर सकता. वस्तु और सेवा कर व्यवस्था के तहत पूरे भारत में माल की सुचारू, तेज और आसान आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ई-वे बिल फॉर्म या इलेक्ट्रॉनिक वे बिल पेश किया गया था.

मार्च में अब तक का सबसे ज्यादा GST कलेक्शन

जीएसटी के इतिहास में सबसे ज्यादा कलेक्शन पिछले महीने यानी मार्च में हुआ था. मार्च में रिकॉर्ड 1.42 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन हुआ था. उस समय ई-वे बिल का आंकड़ा 6 करोड़ 91 लाख था.इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब जो ई-वे बिल के आंकड़े आए हैं 7.81 करोड़ का, उससे मार्च महीने में अप्रैल महीने में रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन का संकेत मिलता है. जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा 1.50 लाख करोड़ रुपए के पार हो सकता है. यह जीएसटी के इतिहास में सबसे बड़ा आंकड़ा होगा.

कब-कितनी हुई कमाई

1 मई 2022 को अप्रैल महीने के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जारी होंगे.आपको बता दें कि फरवरी 2022 में जीएसटी कलेक्शन 1.33 लाख करोड़ रुपए हुआ था. जनवरी महीने में सरकार को जीएसटी से 1,40,986 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी.

GST रेट बढ़ाने को लेकर राज्यों से कोई प्रतिक्रिया नहीं मांगी

वित्त मंत्रालय ने साफ किया कि कुछ सामानों के लिये जीएसटी रेट्स को नये सिरे से तय करने जैसे प्रस्ताव पर राज्यों से कोई प्रतिक्रिया नहीं मांगी गयी है. मीडिया में इस बारे में आई रिपोर्ट के बाद मंत्रालय ने यह बयान जारी किया है. रिपोर्ट के अनुसार,143 वस्तुओं पर जीएसटी दरें बढ़ाने को लेकर राज्यों से सुझाव मांगे गये हैं. मंत्रालय ने बयान में कहा कि जीएसटी दरों को युक्तिसंग बनाने को लेकर मंत्रियों की समिति का विचार-विमर्श जारी है और इस बारे में रिपोर्ट सौंपी नहीं गयी है.

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