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उन्नाव पुलिस की हिरासत में सब्जी विक्रेता की मौत का मामला, लखनऊ ट्रांसफर हुआ मामला, आठ हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

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उन्नाव (Unnao) में एक सब्जी विक्रेता की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि उन्नाव पुलिस (Unnao Police) की जांच पहली नजर से ही सही नही थी. अदालत ने आगे कहा कि जांच अधिकारी द्वारा की गई जांच को निष्पक्ष नहीं कहा जा सकता है. यह कहते हुए कोर्ट ने इस केस को लखनऊ पुलिस (Lucknow Police) को ट्रांसफर कर दिया. सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले की जांच CBI को स्थानांतरित करने के बजाय पुलिस महानिरीक्षक इंटेलिजेंस (लखनऊ) भगवान स्वरूप को दी जाए. वहीं इस केस की इन्वेस्टिगेशन करेंगे.

कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और उन्नाव पुलिस को मामले से सम्बंधित सभी दस्तावेज पुलिस महानिरीक्षक (IGP) भगवान स्वरूप को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है. अदालत ने IGP भगवान को इस मामले में 8 हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अदालत के समक्ष रखे गए दस्तावेजों से लगता है कि जांच अधिकारी ने इस मामले की जांच निष्पक्ष रूप से नहीं की है. कोर्ट ने यह भी कहा कि उन्नाव पुलिस द्वारा मामले की जांच पहली नजर से ही सही नही थी.

कोरोना नियमों के उल्लंघन का लगा था आरोप

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई अब 19 जुलाई को होगी. गौरतलब है कि 18 साल के सब्जी विक्रेता फैजल हुसैन की उन्नाव के बांगेरमऊ थाने में पुलिस हिरासत (Death in Police Custody) में मौत हो गई थी. दरअसल, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में सब्जी विक्रेता की मौत का मामला साल 2021 का है. बताया गया था कि 18 वर्षीय फैजल हुसैन अपने घर के बाहर सब्जी बेच रहे थे, तभी पुलिस ने कोरोना नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए फैजल की कथित तौर पर पिटाई कर दी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. हालांकि पोस्टमॉर्टम में सामने आया था कि सिर में चोट लगने की वजह से सब्जी विक्रेता की मौत हुई थी.

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