गेहूं की कटाई (Wheat Harvesting) और धान की रोपाई से पहले कुछ हफ्तों तक खेत खाली रहते हैं. सामान्य तौर पर किसान इनमें कुछ लगाते नहीं हैं. अब सरकार की तरफ से किसानों (Farmers) को एक खास किस्म का पौधा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. यह पौधा खाद बन जाता है और खेत की उत्पादकता को बढ़ाता है. साथ ही खेत से खर-पतवार को भी नष्ट कर देता है. ऐसे में खरीफ सीजन में जब किसान धान लगाते हैं तो उन्हें इसका लाभ मिलता है. कीटनाशक पर कम खर्च करना पड़ता है और पैदावार भी अधिक मिलती है.
इन्हीं सब फायदों को देखते हुए किसानों को सब्सिडी पर इस पौधे का बीज दिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में ढैंचा नाम के इस पौध के बीज पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. जिला प्रशासन ने किसानों में वितरित करने के लिए 70 क्विंटल बीज मंगा लिए हैं. एक किलो बीज का दाम 54 रुपए 50 पैसे है, जिस पर किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है.
ढैंचा से होंगे ये फायदे
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि ढैंचा की खाद से मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की बढ़ोतरी होती है. मृदा संरक्षण और जल धारण की शक्ति में सुधार होता है. इसके अलावा, मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस व पोटाश की मात्रा में बढ़ोतरी होती है. ढैंचा का पौधा खेत में खरपतवार को नष्ट कर देता है. वहीं फसल उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि करने के साथ ही मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा में भी बढ़ोतरी करता है.
हरी खाद ढैंचा की बुवाई खरीफ से पहले गर्मी के मौसम में की जाती है. कृषि विभाग के मुताबिक, खेत में लगाने के बाद इसे तब तक लगे रहने देना चाहिए, जब तक कि इसमें फूल न निकलने लगे. फूल निकलने के बाद इस हरी घास को खेत में ही पलट देना चाहिए. इसके कुछ समय बाद यह हरी खाद में परिवर्तित हो जाता है.
जिला कृषि अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि खरीफ सीजन से पहले ही खेतों में हरी खाद तैयार करने के लिए ढैंचा का बीज मंगा लिया गया है. बीज लेने वाले किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. इसकी खाद मृदा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और यह उपज भी बढ़ोतरी करता है. देश के कई राज्यों में सरकार की तरफ से किसानों को ढैंचा बीज सब्सिडी या मुफ्त में दिया जा रहा है. इसी तरह का प्रयोग अब उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के इलाके में भी शुरु हुआ है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पैदावार में बढ़ोतरी करने में मददगार साबित होगा.