भारत में Goods and Services Tax (GST) एक महत्वपूर्ण कर प्रणाली है जो सरकार के लिए राजस्व का प्रमुख स्रोत बन चुकी है। यह कर केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर लागू होता है और विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इस्तेमाल होता है। जीएसटी संग्रह भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत को दर्शाने वाला एक अहम सूचकांक है, और यह समय-समय पर बदलता रहता है कि कौन से राज्य इस संग्रह में सबसे ऊपर हैं।
पारंपरिक रूप से, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, और कर्नाटक जैसे राज्य जीएसटी संग्रह में शीर्ष स्थान पर रहते आए हैं। इन राज्यों में औद्योगिक गतिविधियों का उच्च स्तर और सेवा क्षेत्र की प्रगति ने इनकी स्थिति को मजबूत किया है। हालांकि, हाल ही में जारी दिसंबर 2024 के जीएसटी आंकड़ों में उत्तर प्रदेश ने एक शानदार प्रदर्शन किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने जीएसटी संग्रह में टॉप 5 राज्यों में अपनी जगह बनाई है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करता है।
उत्तर प्रदेश का यह प्रदर्शन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य में आमतौर पर उद्योगों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में कम रही है। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार ने औद्योगिकीकरण, बुनियादी ढांचे के विकास और निवेश आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके परिणामस्वरूप, राज्य में व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है, जिससे जीएसटी संग्रह में भी इजाफा हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश के जीएसटी संग्रह में वृद्धि राज्य के विकासात्मक प्रयासों का परिणाम है। इसके अलावा, राज्य के उद्योगों और व्यापारिक संगठनों ने भी इस बढ़ोतरी में योगदान किया है, खासकर उन क्षेत्रों में जो पहले अपेक्षाकृत कम विकसित थे।
जीएसटी संग्रह में उत्तर प्रदेश का यह शानदार प्रदर्शन पूरे देश में एक उदाहरण बन गया है कि कैसे राज्य सरकारें अपने स्थानीय संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल कर सकती हैं। आने वाले समय में यह उम्मीद की जा रही है कि उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों के साथ समान स्तर पर जीएसटी संग्रह में वृद्धि करने में सक्षम होगा और देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान बढ़ाएगा।