अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि यूक्रेन और इस्राइली सहयोगियों को सहायता उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है।
यूक्रेन और रूस के बीच लंबे समय से युद्ध जारी है। इस बीच एक विदेशी मीडिया रिपोर्ट ने दावा किया है कि हथियारों की कमी के कारण यूक्रेन में स्थिति मुश्किल हो गई है। रूसी सेना अब यूक्रेनी सेना पर भारी पड़ती दिख रही है। इस वजह से रूस इस गर्मी में यूक्रेनी सेना की पहली पंक्ति को ध्वस्त कर सकता है। यूक्रेनी सैनिकों का मनोबल भी कथित रूप से कमजोर हो रहा है।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि यूक्रेन और इस्राइली सहयोगियों को सहायता उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका लगातार यूक्रेन की मदद कर रहा है। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने हाल ही में आंखें मूंदने के लिए अपने देश के सहयोगियों की आलोचना की थी।
यूक्रेन को भारत से आस
युद्ध को दो साल पूरा होने पर यूक्रेन के उप विदेश मंत्री इरीना बोरोवेत्स ने कहा था कि भारत को शांति-खोज समाधान का हिस्सा बनना ही होगा। भारत अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभा रहा है, इसलिए उससे कई उम्मीदें भी हैं। भारत के रूस और अमेरिका दोनों से अच्छे संबंध हैं। बोरोवेत्स ने कहा कि सबसे पहले, भारत एक वैश्विक नेता है, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है। वह रूस-यूक्रेन जंग के शांतिपूर्ण समाधान खोजने में अधिक मुखर होकर कार्रवाई कर सकता है। बोरोवेत्स ने कहा, पीएम मोदी ने गत वर्ष उज्बेकिस्तान में रूसी राष्ट्रपति से यह तक कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है। इस बयान को पूरी दुनिया का समर्थन मिला। उन्होंने कहा, यूक्रेन ने मार्च में स्विट्जरलैंड में होने वाले ग्लोबल पीस समिट में भारत को आमंत्रित किया है
रूस के राष्ट्रपति भी पहले ही पीएम मोदी से जता चुके हैं उम्मीद
इससे पहले, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि कि पीएम मोदी शांतिपूर्ण तरीकों से रूस-युक्रेन विवाद को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि हम पीएम मोदी के रूख को समझते हैं। हमने कई मौकों पर इसका बार-बार उल्लेख किया। मुझे पता है कि वह पूरी कोशिश कर रहे हैं कि मुद्दे को शांति से हल किया जा सके। हम इस पर गहराई से बात करेंगे। उन्होंने भारत-रूस संबंधों के लिए आभार व्यक्त किया था। हम दोनों विकास के नए आयाम छू रहे हैं। पुतिन ने भारत और रूस की साझेदारी पर भी बात की थी।