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इस साल आम खरीदना होगा महंगा, अपने स्वाद के लिए मशहूर मालदा की मिठास हो सकती है ‘कड़वी’

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इस बार गर्मियों के मौसम में मालदा आम (Mango) खाने की चाहत रखने वालो को निराशा होना पड़ सकता है क्योंकि हो सकता है कि आम के बढ़े हुआ दाम (Mango Price) के कारण आपको यह मीठा आम खाने में खट्टा भी लगे. गौरतलब है कि मालदा आम (Malda Mango) को इसकी मिठास और स्वाद के लिए लोग खूब पसंद करते हैं. साथ ही इसकी कीमत भी ऐसी होती है कि आम लोग इसे खरीद कर खा सके. पर इस बार खराब मौसम के कारण मालदा आप की पैदावार मे गिरावट आयी है कि, इसके कारण उत्पादन प्रभावित हो सकता है. दरअसल कम उत्पादन के कारण फलो का राजा आम इस साल 30-50 प्रतिशत तक महंगा हो सकता है.

उत्पादन का असर मालदा आम पर भी पड़ सकता है. जानकार बताते हैं कि प्रतिकुल मौसम की वजह से इस साल मालदा आम के उत्पादन (Mango Cultivation) में काफी गिरावट आ सकती है. इसके कारण य महंगा हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स से मुताबिक कई सालों बाद मालदा आम की फसल संकट में है. खराब मौसम ने यहां फसल को नुकसान पहुंचाया है. इसके कारण किसान काफी परेशान हैं. अंदाजा लगाया जा रहा है कि जिले में आम के उत्पादन में एक लाख मीट्रिक टन तक की गिरावट आ सकती है. इतना ही नहीं अगर आने वाले दिनों में भी मौसम खराब होता है तो नुकसान और ज्यादा हो सकता है. इसके चलते आम का बाजार भाव आम आदमी की पहुंच से बाहर हो सकता है.

मालदा के बगानों से होती है सबसे अधिक आम की आपूर्ति

उल्लेखनिय है कि पश्चिम बंगाल के अलावा पड़ोसी राज्यों में सबसे ज्यादा आम की आपूर्ति मालदा के बगानों से होती है. पर सभी जानते हैं कि खेती हमेशा ही प्रकृति पर निर्भर रहती है. इस बार सर्दियां लंबी रही, जिसका असर आम के मंजर पर पड़ा था. इसके अलावा हर गर्मियों में ठेठ कलबैसाखी तूफान और औलावृष्टि के कारण आम की फसलों को नुकसान होता है. हालांकि इस साल मालदा में 33,450 हेक्टेयर में आम की खेती की गयी है. जो पिछले साल 2021 की तुलना में 300 हेक्टेयर अधिक है.

ढाई लाख मीट्रिक टन तक गिर सकता है उत्पादन

न्यूज 18 के मुताबिक राज्य के बागवानी विभाग के अनुसार पिछले साल मालदा में आम का उत्पादन 3,70,000 मीट्रिक टन था. पर इस साल आम के पेड़ों में मंजर भी कम दिखाई दे रहे थे. इस बीच, मालदा के रतुआ, मानिकचक, गजोल, इंगराज बाजार और कालियाचौक ब्लॉक में हाल ही में सीजन का पहला तूफान आया और आंशिक ओलावृष्टि भी हुई. नतीजतन, आम की खेती में और सात से आठ फीसदी की गिरावट आने की संभावना है. ऐसे में बागबानी विभाग को आशंका है कि इस साल मालदा में आम की उपज करीब ढाई लाख मीट्रिक टन तक गिर सकती है.

ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बढ़ सकता है निर्यात खर्च

पिछले दो सालों में मालदा में आम का कारोबार कोविड संकट से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. और इस साल खेती में भारी गिरावट आई है. ईंधन की कीमतों में भी काफी वृद्धि हुई है, जिससे आम के निर्यात पर खर्च बढ़ गया है. इसके करण आम किसान काफी चिंतित है साथ ही सरकार ने मुआवजा देने का आग्रह भी कर रहे हैं.

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