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इकोनॉमी में सुधार के संकेत, महंगाई में तेजी के बावजूद अप्रैल में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ की रफ्तार रही तेज

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इकोनॉमी इस समय सुस्ती के दौर से गुजर रही है. ग्रोथ रेट लगातार घट रहा है और महंगाई बढ़ रही है. इस बीच आज अप्रैल के लिए मैन्युफैक्चरिंग PMI इंडेक्स (Manufacturing PMI Index) जारी किया गया है और इसमें मामूली सुधार आया है. अप्रैल महीने में यह 54.7 रहा जो मार्च में 54.0 रहा था. अगर यह इंडेक्स 50 से ऊपर आता है तो विस्तार को बतलाता है. अगर यह 50 से नीचे आता है तो संकुचन को बतलाता है. इस रिपोर्ट को तैयार करने वाली एजेंसी IHS Markit ने कहा कि अप्रैल महीने में भारत के मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में मामूली सुधार दर्ज किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोडक्शन में उछाल आया है जबकि फैक्ट्री ऑर्डर में भी तेजी देखने को मिली है.

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण मार्च महीने में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स (Manufacturing PMI Index) घटकर 54 पर पहुंच गया था. यह छह महीने का निचला स्तर है. फरवरी के महीने में यह इंडेक्स 54.9 था. ग्लोबल मार्केट में इस समय कच्चे तेल का भाव बढ़ रहा है. इसके अलावा कमोडिटी की कीमत में भी भयंकर तेजी है. जाहिर है कि इसका आर्थिक गतिविधियों पर असर होगा.

चीन की विनिर्माण गतिविधियां छह महीने के निचले स्तर पर

चीन (China) के प्रमुख विनिर्माण केंद्र शंघाई और दूसरे शहरों में कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) पर काबू पाने के लिए लगाए गए सख्त लॉकडाउन (Lockdown) से अप्रैल में चीन की विनिर्माण गतिविधियां छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई. पिछले दिनों चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकीय ब्यूरो ने शनिवार को मासिक खरीद प्रबंधक सूचकांक जारी करते हुए कहा कि अप्रैल में यह सूचकांक गिरकर 47.4 पर आ गया है, जो मार्च में 100 अंकों के पैमाने पर 49.5 पर रहा था. सूचकांक का 50 से नीचे रहना विनिर्माण (Manufacturing) गतिविधियों में संकुचन को दिखाता है. ब्यूरो के सांख्यिकीविद् झाओ किंगे ने कहा कि महामारी के प्रकोप ने चीन के कारखानों की गतिविधियों और बाजार की मांग पर असर डाला है.

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