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अरविंद केजरीवाल की चुनावी रणनीति: झुग्गीवासियों और समाज के विभिन्न वर्गों को लुभाने की कोशिश

by Suyash Shukla

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही अरविंद केजरीवाल एक के बाद एक घोषणाएं कर रहे हैं, जिनमें प्रमुख रूप से झुग्गीवासियों और अन्य सामाजिक वर्गों को लुभाने की रणनीति देखी जा रही है। हाल ही में, उन्होंने अमित शाह को चुनौती दी कि वह उन सभी झुग्गीवासियों को वापस बसाने का वादा करें, जिन्हें पिछले 10 सालों में उजाड़ा गया है। केजरीवाल का यह बयान स्पष्ट रूप से झुग्गीवासियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह चुनावी प्रचार के रूप में उनकी बड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

केजरीवाल का यह कदम कोई नई बात नहीं है, क्योंकि वे पहले भी कई मुद्दों पर कसम खा चुके हैं और प्रतिज्ञाएं ली हैं। चाहे वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का मामला हो, नगर निगम चुनाव समय पर कराने की बात हो, या फिर कांग्रेस और बीजेपी से गठबंधन न करने की बात हो, केजरीवाल ने हमेशा अपने विरोधियों को चुनौती दी है और खुद को जनता के सामने एक प्रतिबद्ध नेता के रूप में पेश किया है।

इसके अलावा, केजरीवाल ने इस साल लोकसभा चुनाव के समय भी “केजरीवाल की गारंटी” नाम से 10 वादे किए थे, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण से जुड़े मुद्दे थे। उनका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को अधिक से अधिक फायदा पहुंचाना था, और यही रणनीति वे आगामी विधानसभा चुनाव में भी अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।

**केजरीवाल की रणनीति: समाज के हर वर्ग तक पहुंच
दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर केजरीवाल की रणनीति में गरीबों, झुग्गीवासियों, ऑटोचालकों, पुजारियों-ग्रंथियों, बुजुर्गों, दलित वर्ग और महिलाओं को जोड़ने की योजना है। केजरीवाल ने पिछले चुनावों में इन वर्गों के बीच अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है, और अब वे इन वर्गों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए लगातार घोषणाएं और प्रतिज्ञाएं कर रहे हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, और इस समय केजरीवाल की ये घोषणाएं उनके चुनावी अभियान को और तेज कर सकती हैं। उनकी यह रणनीति समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने और उन तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश को दिखाती है, जिससे उन्हें आगामी चुनाव में लाभ हो सकता है।