काबुल: अफगानिस्तान में सोने और लिथियम के भंडार पर नजर गड़ाए बैठे चीन को बड़ा झटका लगा है। तखार प्रांत में एक चीनी नागरिक की हत्या कर दी गई है, जो अफगानिस्तान की एक खदान में काम करता था और तालकान शहर लौट रहा था। अज्ञात हमलावरों ने उस पर हमला किया और गोली मार दी। इस हमले में चीनी नागरिक के साथ एक दुभाषिया और एक अन्य व्यक्ति भी घायल हो गए थे। तालिबानी प्रशासन ने दुभाषिए को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
अफगान मीडिया के मुताबिक, हत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन तालिबानी सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गए हैं और हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है। यह हमला अफगानिस्तान में चीन के नागरिकों पर हाल ही में हुआ दूसरा हमला है। इससे पहले तजाकिस्तान में भी चीनी नागरिकों पर हमला हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति मारा गया और चार अन्य घायल हो गए थे।
चीन की अफगानिस्तान में बढ़ती सक्रियता:
अमेरिका के अफगानिस्तान से लौटने के बाद, चीन ने अपनी गतिविधियाँ बढ़ा दी हैं। चीन ने तालिबान सरकार को मान्यता दी है और अफगानिस्तान के खनिज संसाधनों पर अपनी नजरें जमाई हैं। अफगानिस्तान में 1 ट्रिलियन डॉलर के खनिज भंडार होने का अनुमान है, जिसमें लिथियम और सोना जैसे बहुमूल्य खनिज शामिल हैं। चीन ने इन खनिजों के खनन में बड़े पैमाने पर निवेश करना शुरू कर दिया है, खासकर लिथियम के क्षेत्र में, जिसे इलेक्ट्रिक वाहन (EV), मोबाइल और बैटरी निर्माण के लिए आवश्यक माना जाता है।
चीन का अफगानिस्तान में बढ़ता प्रभाव और निवेश, शिंजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई करने के उद्देश्य से भी है, जो चीन के लिए एक बड़ी सुरक्षा चिंता का विषय बने हुए हैं। हालांकि, इस लालच के कारण चीन के नागरिक अब हिंसा और हमलों का निशाना बन रहे हैं, जैसा कि हालिया घटनाओं से स्पष्ट है।
पाकिस्तान और तजाकिस्तान में भी हमले:
अफगानिस्तान में हुई इस हत्या के बाद चीन के नागरिकों के लिए सुरक्षा की चिंता और बढ़ गई है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में भी कई चीनी नागरिकों की हत्या हो चुकी है। इस प्रकार, चीन के नागरिकों पर हमले, विशेष रूप से अफगानिस्तान, तजाकिस्तान और पाकिस्तान में, अब एक चिंता का विषय बन गए हैं।