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Home MAHARASHTRA अजित पवार को महायुति से निकालने की मांग उठी है, एक बीजेपी नेता ने बताया कि हमें देखना होगा कि पार्टी के कार्यकर्ता इस बारे में क्या सोच रहे हैं।

अजित पवार को महायुति से निकालने की मांग उठी है, एक बीजेपी नेता ने बताया कि हमें देखना होगा कि पार्टी के कार्यकर्ता इस बारे में क्या सोच रहे हैं।

by Nikhil

लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की उम्मीदें बराबरी से नहीं निकली। जब नई सरकार गठन का समय आया, तो अजित पवार ने कैबिनेट में मंत्री पद की मांग की। इसके बाद, गठबंधन में शामिल दलों के बीच अनबन दिखाई देने लगी। इस बीच, पुणे जिले के शिरूर से बीजेपी के एक पदाधिकारी ने सत्तारूढ़ गठबंधन से उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को हटाने की मांग की है।

शिरूर तहसील के बीजेपी के उपाध्यक्ष सुदर्शन चौधरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गया है, जिसमें उन्होंने बीजेपी की एक बैठक में अपने मांग को उजागर किया है। इस वीडियो के प्रसार के बाद, एनसीपी के कार्यकर्ताओं में इसे लेकर आक्रोश प्रकट हुआ और उन्होंने बीजेपी नेता से माफी मांगी है। चौधरी वीडियो में भाजपा नेताओं से कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, “आपके लिए एक सुझाव है। पार्टी के कार्यकर्ता की राय जानिए। अगर आप निर्णय लेना चाहते हैं, तो महायुति से अजित पवार को हटाएं।”

शिरूर तहसील के बीजेपी के उपाध्यक्ष सुदर्शन चौधरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने बीजेपी की एक बैठक में अपने दृष्टिकोण को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि अगर अजित पवार सत्ता में नहीं होते, तो सुभाष देशमुख, राहुल कुलकर्णी और योगेश तिलेकर जैसे वरिष्ठ नेता मंत्री बन सकते थे और अन्य को सरकारी निगमों का प्रमुख बनाया जा सकता था। उन्होंने इसे लेकर कहा कि बीजेपी ने पिछले 10 वर्षों से पवार की आलोचना करती रही है, लेकिन राज्य में कार्यकर्ता अब भयभीत महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उपमुख्यमंत्री ही मामलों की कमान संभाल रहे हैं। वे ने कहा कि तहसील में सभी भाजपा कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि उन्हें ऐसी शक्तियां नहीं चाहिए, जिसमें अजित पवार का हस्तक्षेप हो।

इस वीडियो के बाद, एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने चौधरी की इस बात पर नाराजगी जताई और उनसे माफी मांगने की मांग की। चौधरी ने बैठक में इस तरह से अपने सुझाव प्रस्तुत किए थे कि उन्होंने व्यक्त किया कि अजित पवार को सत्ता में न लाया जाए, ताकि भाजपा कार्यकर्ताओं की आवाज को दबा दिया जाए।